Varanasi News: देश के पहले पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए वाराणसी में बन रहे रोपवे के लिए स्टेशन को आग से बचाने के लिए अत्याधुनिक उपाय किए जाएंगे. हवा के दबाव से आग और धुआं से यात्रियों को बचाने के लिए अत्याधुनिक उपकरण लगाए जाएंगे, जिससे किसी भी अनहोनी पर यात्रियों को स्टेशन से बाहर सुरक्षित निकला जा सके.कैंट स्टेशन (वाराणसी जंक्शन रेलवे स्टेशन) से गोदौलिया तक रोपवे की कुल दूरी 3.85 किलोमीटर है, जो करीब 16 मिनट में तय होगी.रोपवे के संचालन के लिए 5 स्टेशन का निर्माण हो रहा है. स्टेशनों पर यात्रियों को आग लगने जैसी घटना में बचाया जा सके, इसके लिए फायर ब्रिगेड विभाग ने आग से बचाव की रणनीति बनाई है.
तेजी से चल रहा रोपवे का काम
काशी में कैंट स्टेशन से गोदौलिया तक चलने वाले रोपवे के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है. वाराणसी के यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने में रोपवे काफी सहायक साबित होगा. रोपवे से एक दिशा में एक घंटे में 3000 लोग यात्रा कर सकेंगे यानि 6000 लोग दोनों दिशा से एक घंटे में आ जा सकेंगे. इसके अलावा बहुत से यात्री स्टेशन पर भी मौजूद रहेंगे. रोपवे स्टेशन एक से अधिक मंजिल वाले होंगे. स्टेशनों पर आग से सुरक्षा के भी विशेष इंतज़ाम किये जा रहे है.
यात्रियों की सुरक्षा पर पूरा ध्यान
मुख्य अग्निशमन अधिकारी आनंद सिंह राजपूत ने बताया कि आग लगने की घटना में धुआं से अधिक मौत होती है. स्टेशन की इमारतों में प्रेशराइजेशन प्रणाली का प्रयोग किया जाएगा. स्टेशन पर ख़ास उपकरण लगाए जाएंगे जो यात्रियों के एग्जिट और एंट्री पॉइंट, सीढ़ियों की लॉबी पर सामान्य से 0.0005 बार या केजीएफ प्रति स्क्वायर सेंटीमीटर से अधिक का हवा का दबाव बनाएगा. इसी तरह कॉरिडोर में 0.00025 बार या केजीएफ प्रति स्क्वायर सेंटीमीटर से अधिक का हवा का दबाव बनाएगा, जिससे आग लगने पर इन जगहों पर धुआं नहीं पहुंचेगा और यात्री सुरक्षित बाहर निकल सकेंगे.
अनेक सुविधाओं से होगा सुसज्जित
मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा 2 लाख लीटर की भूमिगत वाटर टैंक, टेरिस पर 20 हज़ार क्षमता की पानी का टैंक ,उपयुक्त क्षमता का डीजल पंप यार्ड हाइड्रेंट ऑटोमैटिक स्प्रिंकलर सिस्टम ,ऑटोमैटिक फायर डिटेक्शन अलार्म सिस्टम, स्मोक एक्सट्रैक्शन सिस्टम ,प्राथमिक अग्निशमन उपकरण आदि मुख्य रूप से होगा.