संत कबीर के नाम पर यूपी में स्थापित होंगे वस्त्र एवं परिधान पार्क, हाईलेवल मीटिंग में बोले सीएम योगी

UP: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग क्षेत्र में निजी निवेशकों की बढ़ती रुचि को देखते हुए विभिन्न जिलों में वस्त्र एवं परिधान पार्क स्थापित करने का निर्णय लिया है. मंगलवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश पारंपरिक हथकरघा और वस्त्र उत्पादों की समृद्ध धरोहर वाला राज्य है, जिसकी क्षमता का सही उपयोग होने पर प्रदेश को राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी नई पहचान दिलाई जा सकती है.

पूरे देश में यूपी शीर्ष स्थान पर

बैठक में प्रस्तुत विवरण के अनुसार, वर्तमान में उत्तर प्रदेश देश के शीर्ष वस्त्र एवं परिधान निर्यातक राज्यों में शामिल है. वित्त वर्ष 2023-24 में प्रदेश से लगभग 3.5 अरब अमेरिकी डॉलर का निर्यात हुआ, जो देश के कुल वस्त्र एवं परिधान निर्यात का लगभग 9.6 प्रतिशत है. इस क्षेत्र का प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 1.5 प्रतिशत योगदान है, जबकि राज्य में प्रत्यक्ष रोजगार पाने वाले लगभग 22 लाख लोग इससे जुड़े हैं. 

संत कबीर के नाम पर समर्पित योजना

मुख्यमंत्री योगी ने इस योजना को महान संत कबीर को समर्पित करने की बात कही. उन्होंने कहा, “संत कबीर ने अपने जीवन में श्रम, सादगी और आत्मनिर्भरता को सर्वोपरि माना. यह योजना भी उन्हीं मूल्यों पर आधारित होगी.”

प्रमुख जिलों में स्थापित होंगे पार्क

वाराणसी, मऊ, भदोही, मिर्जापुर, सीतापुर, बाराबंकी, गोरखपुर और मेरठ जैसे पारंपरिक वस्त्र क्लस्टरों को प्राथमिकता दी जाएगी. सरकार को अब तक 659 निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनमें 15,431 करोड़ रुपये का निवेश और 1,01,768 रोजगार के अवसर उत्पन्न होने की संभावना है. प्रत्येक पार्क कम से कम 50 एकड़ भूमि पर विकसित किया जाएगा. सभी पार्कों में पर्यावरण के अनुकूल कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (CETP) और अन्य सहायक इकाइयों जैसे बटन, ज़िपर, लेबल, पैकेजिंग और वेयरहाउस की व्यवस्था होगी.

लगभग 1,01,768 रोजगार के अवसर की संभावना

कुल निवेश मूल्य 15,431 करोड़ रुपये आंका गया है और इसके फलस्वरूप लगभग 1,01,768 रोजगार अवसर सृजित होने का अनुमान है. प्रत्येक पार्क न्यूनतम 50 एकड़ भूमि पर विकसित किया जाएगा और इनमें प्रसंस्करण उद्योगों के लिए कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना अनिवार्य होगी. साथ ही बटन, ज़िपर, लेबल, पैकेजिंग और वेयरहाउस जैसी सहायक इकाइयों के विकास की भी व्यवस्था की जाएगी.

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