उत्तराखंड। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उत्तराखंड से देश की नई हेली नीति की घोषणा की है। देश में हेली सेवा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने इस नीति में 10 प्रमुख बिंदुओं पर फोकस किया है। आपातकालीन हेलीकॉप्टर चिकित्सा सेवा के लिए देश में तीन एक्सप्रेस-वे विकसित किए जाएंगे। इसके अलावा चार शहरों में हेली हब बनाए जाएंगे। एयर ट्रैफिक समस्या को दूर करने के लिए विमान और हेली सेवाओं के लिए अलग-अलग रूट निर्धारित होंगे। देश में कहीं भी हेली सेवाओं पर लैंडिंग और पार्किंग शुल्क नहीं लगाया जाएगा। केंद्रीय मंत्री सिंधिया जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय, फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ इंडस्ट्री एंड कॉमर्स (फिक्की), उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण के सहयोग से तीसरे हेली सम्मेलन में नई हेली नीति की घोषणा की। उन्होंने कहा कि हेली उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने नई नीति बनाई है। वर्तमान में देश में मात्र 190 हेलीकॉप्टर संचालित हैं। नई नीति में आपातकालीन हेलीकॉप्टर मेडिकल सेवा के लिए दिल्ली मुंबई, अंबाला-कोटपुली, अंबाला-भटिंडा-जामनगर के बीच एक्सप्रेस-वे विकसित किया जाएगा। जिससे मरीजों को तत्काल चिकित्सा सुविधा मिल सके। इसके अलावा मुंबई के जुहू, गुवाहाटी, दिल्ली और बंगलूरू चार हेली हब बनाए जाएंगे। 10 शहरों में 82 रूटों को हेलिकॉप्टर कॉरिडोर विकसित करने के लिए चिह्नित किया गया है। शुरुआत में चार हेलिकॉप्टरों के साथ 6 मार्गों को चालू किया जाएगा। जो जुहू-पुणे, मालालक्ष्मी रेस कोर्स-पुणे, गांधीनगर-अहमदाबाद के बीच होंगे। उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टर संचालन की अनुमति के लिए केंद्रीकृत हेली सेवा पोर्टल बनाया गया है। जिससे हेली कंपनियों को अनुमति के लिए चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। हेली कंपनियों को देश में कहीं भी हेलिकॉप्टर की लैंडिंग और पार्किंग शुल्क में छूट दी जाएगी। भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण और हवाई यातायात नियंत्रण के अधिकारियों को हेली सेवाओं से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए प्रशिक्षित कर और संवेदनशील बनाया जाएगा। हेलीकॉप्टर उद्योग के लिए नियामकीय सुगमता में सुधार के लिए एक सलाहकार निकाय का गठन किया जाएगा।