मुंबई। आर्थिक गतिविधियों में जोरदार उछाल और उपभोक्ता मांग में सुधार से भारत में सोने की मांग महामारी पूर्व स्तर पर वापस आ गई है। आगे भी इसमें तेजी बनी रहने की उम्मीद है। विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) की रिपोर्ट के मुताबिक देश में सोने की मांग इस साल जुलाई-सितंबर तिमाही में 47 फीसदी बढ़कर 139.1 टन पहुंच गई। 2020 की समान तिमाही में कुल मांग 94.6 टन रही थी। आलोच्य तिमाही में मूल्य के लिहाज से देश में सोने की मांग 43,160 करोड़ से 37 फीसदी बढ़कर 59,330 करोड़ रुपये पहुंच गई। रिपोर्ट के मुताबिक गोल्ड ईटीएफ में निकासी के कारण इस दौरान वैश्विक स्तर पर सोने की मांग 7 फीसदी घटकर 831 टन रह गई, जो 2020 की समान तिमाही में 894.4 टन रही थी। डब्ल्यूजीसी के मुताबिक आलोच्य तिमाही में भारत में आभूषणों की मांग सालाना आधार पर 58 फीसदी बढ़कर 96.2 टन पहुंच गई। मूल्य के लिहाज से आभूषणों की मांग 48 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 41,030 करोड़ रुपये पहुंच गई। सोने में कुल निवेश मांग 27 फीसदी बढ़कर 42.9 टन पहुंच गई। डब्ल्यूजीसी के क्षेत्रीय सीईओ सोमासुंदरम पीआर ने कहा कि सोने की मांग में बढ़ोतरी कम आधार प्रभाव, कारोबारी गतिविधियों के सकारात्मक रहने और मजबूत उपभोक्ता भावनाओं को दर्शाती है। इससे टीकाकरण में तेजी और संक्रमण में कमी के साथ महामारी के काबू में आने के संकेत मिलते हैं। इससे त्योहारी एवं शादी के सीजन में सोने की मांग और बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि इस दौरान डिजिटल सोने की मांग में भी कई गुना वृद्धि हुई है।