स्वास्थ्य। तो क्या आपके बच्चे को भूख नहीं लगती? क्या उनका खेलने का मन नहीं करता? हर वक्त जोड़ों में दर्द, थकान की शिकायत करते हैं? अगर ऐसा है, तो सावधान हो जाइए, क्योंकि हो सकता है, बच्चे का लिवर खतरे में हो। दुनिया में लिवर से जुड़ी एक रहस्यमयी बीमारी 20 से ज़्यादा देशों में फैल चुकी है। इस बीमारी से बच्चों के लिवर में स्वेलिंग देखने को मिलती है, जो अगर वक्त पर डिटेक्ट ना हो, तो लिवर फेल होने की का डर बढ जाता है। हमारे देश में इस अंजान बीमारी के खतरे को देखते हुए भी बच्चों और बड़ों को अलर्ट रहने की ज़रूरत है, क्योंकि भारत में फैटी लिवर की प्रॉब्लम काफी कॉमन है, देश के 10 फीसदी बच्चे फैटी लिवर से परेशान हैं, तो ओवरऑल 32 फीसदी लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं।
लिवर की बीमारी– फैटी लिवर, लिवर सिरोसिस, लिवर कैंसर, हेपेटाइटिस, जॉन्डिस।
लिवर की बीमारी के लक्षण- यूरिन का रंग गहरा होना, स्किन,आंखों का रंग पीला होना, पैरों और टखनों में सूजन, पेट में दर्द और सूजन, अत्यधिक थकान, भूख नहीं लगना, आसानी से चोट लगना।
लिवर का बचाव:- शुगर कंट्रोल करें, वज़न कम करें, लाइफस्टाइल बदले, कोलेस्ट्रॉल लेवल घटाएं।
योगासन- सूक्ष्म व्यायाम, योगिक जॉगिंग, ताड़ासन, तिर्यक आसन, वृक्षासन, गरूड़ासन, सूर्य नमस्कार, उष्ट्रासन, अर्ध चक्रासन, मकरासन, भुजंगासन, शलभासन, धनुषासन, मर्टकासन, पवनमुक्तासनएक पाद उत्तानासन, कंधरासन, सेतुबंधासन, कटि उत्तानासन, चक्रासन।
फैटी लिवर की वजह– हाई कोलेस्ट्रॉल, मोटापा, डायबिटीज़, थायराइड, स्लीप एप्निया, इनडायजेशन, फास्टफूड।
किस तरह का खाना लिवर के लिए है दुश्मन- तला-भुना खाना, मसालेदार खाना, फैटी फूड्स, जंक फूड, रिफाइंड शुगरख्, अल्कोहल।
क्या न खाएं– सेचुरेटेड फैट, ज्यादा नमक, ज्यादा मीठा, प्रोसेस्ड फूड, कार्बोनेटेड ड्रिंक, अल्कोहल।
क्या खाएं– मौसमी फल, हरी सब्जियां, साबुत अनाज, लो फैट डेयरी प्रोडक्ट।