हेल्थ। ज्यादातर बच्चे फल-सब्जियां खाना पसंद नहीं करते इसलिए पेरेंट्स चाहते हैं कि उनके बच्चे के शरीर को सभी आवश्यक पोषण मिल सके, इसलिए वे बच्चे को डेली मल्टी विटामिन देने लगते हैं। मगर, बच्चों को न्यूट्रिशन सप्लिमेंट्स डेली देते हैं तो इसका ओवरडोज खतरनाक हो सकता है। इसकी वजह से बच्चे का वजन घट सकता है, उसे फूड पॉइजनिंग हो सकती है। अगर इसकी मात्रा हद से अधिक हो गई तो इसकी वजह से बच्चे की जान को भी खतरा हो सकता है।
अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की स्टडी के अनुसार, एक्सीडेंटल सप्लिमेंट्स ओवर डोज के कारण हर साल लगभग 4600 बच्चों का इमरजेंसी रूम में इलाज किया जाता है। ऐसा बच्चे को न्यूट्रिशन सप्लिमेंट्स का ओवर डोज लेने के कारण होता है।
एक्स्ट्रा न्यूट्रिशन बच्चे की बॉडी में जमा हो जाता है, जिसके साथ बच्चे को कई बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। जिन बच्चों के कुछ मेडिकल कंडिशन्स हैं, उन्हें मल्टी विटामिन-मिनरल सप्लिमेंट्स से फायदा हो सकता है। अगर सही डोज ली जाए तो ज्यादातर मल्टी विटामिन सुरक्षित भी होते हैं। मगर बिना किसी जांच के डेली इसे लेने से इसका बुरा असर भी पड़ता है।
ओवरडोज कैसे पता करें:-
अगर बच्चे के शरीर में रैशेज हो रहे हैं, तो समझ लीजिए कि आपके बच्चे के शरीर में न्यूट्रिशन का ओवर डोज हो गया है। इसके अलावा अगर अचानक बच्चे का वजन घटना, वॉमिटिंग, पेट में ऐंठन, सिर दर्द, डायरिया जैसी परेशानियों से जूझ रहा है,तो जो भी न्यूट्रिशन सप्लीमेंट्स दे रहे हैं वो टॉक्सिक हो गए हैं।
बच्चों को किसी बीमारी के कारण ऐसे सप्लीमेंट दे रहे हैं और वो इस तरह रिएक्ट कर रहा है तो आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। कभी भी बच्चे को ऐसे न्यूट्रिशन सप्लिमेंट देने से पहले एक बार डॉक्टर को जरूर संपर्क करें।
बच्चों में सबसे ज्यादा कैल्शियम और आयरन ओवरडोज:-
बच्चों में सबसे ज्यादा आयरन और कैल्शियम का ओवरडोज होता है। अगर बच्चा निश्चित मात्रा से अधिक आयरन या कैल्शियम ले रहा है तो उसमें सीरियस टॉक्सिसिटी के लक्षण दिख सकते हैं। इसके लिए ये जानना जरूरी है कि इसका डेली इनटेक कितना होना चाहिए।
एनआईएच द्वारा इसकी अधिकतम खुराक को भी निर्धारित किया गया है। जन्म से लेकर 13 साल तक के बच्चों के लिए आयरन का अधिकतम डोज 40 मिलीग्राम है। वहीं कैल्शियम की बात करें तो जन्म से 13 साल तक के बच्चों को अधिकतम 1300 मिलीग्राम कैल्शियम दिया जा सकता है। जबकि 6 महीने के बच्चे को सिर्फ 200 ग्राम ही कैल्शियम देना चाहिए।
कैल्शियम का ओवर डोज शरीर में आयरन और जिंक के प्रोसेस करने की क्षमता को भी डिस्टर्ब करता है। इसके कारण बच्चे को गंभीर बीमारी हो सकती है। यहां तक कि बच्चा कोमा में जा सकता है। कैल्शियम के ओवर डोज के कारण पेट में दर्द, हड्डी में दर्द, भ्रम की स्थिति,कब्ज, डिप्रेशन, डायरिया, सिर दर्द, अनियमित दिल की धड़कन, भूख में कमी, मसल्स ट्विचिंग, उल्टी जैसी गंभीर समस्या हो सकती है।