अगले साल भारत अंतरिक्ष में भेजेगा इंसान

नई दिल्‍ली। जल्द ही भारत अंतरिक्ष में इतिहास रचने वाला है। सरकार ने 2023 में गगनयान मिशन को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी की है। इस मिशन में इंसानों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया है कि, अगर सब कुछ ठीक रहा तो इस मिशन से जुड़े दो ट्रायल इस साल के अंत तक ही कर लिए जाएंगे, जिसके बाद अगले साल एक या दो भारतीयों को अंतरिक्ष भेजा जाएगा।

कैसे किए जाएंगे ट्रायल?
डॉ. सिंह ने गगनयान मिशन के बारे में विस्तार से जानकारी दी और बताया कि, पहला ट्रायल मानव रहित होगा। दूसरे ट्रायल में व्योममित्रा नाम की एक महिला रोबोट को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। इस रोबोट को इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) ने विकसित किया है। दोनों ही ट्रायल 2022 के आखिर तक किए जाएंगे। ये मिशन कामयाब होने के बाद ही तीसरी बार में इंसानों को स्पेस में भेजने की तैयारी की जाएगी।

वायुसेना के पायलट्स को दी ट्रेनिंग:-

डॉ. सिंह के अनुसार, तीसरे मिशन की स्पेस फ्लाइट में दो इंसानों को भेजा जा सकेगा। ये लोग 7 दिन तक अंतरिक्ष में रहेंगे। मिशन के लिए भारतीय वायुसेना के चार पायलट्स को रूस भेजकर स्पेस ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग भी दी गई है। इन एस्ट्रोनॉट्स को ‘गगनॉट्स’ बुलाया जाएगा।

भारतीय वायुसेना के चार पायलट्स में एक ग्रुप कैप्टन हैं। बाकी तीन विंग कमांडर हैं, जिन्हें गगनयान मिशन के लिए तैयार किया जा रहा है। अभी इन्हें बेंगलुरू में गगनयान मॉड्यूल की ट्रेनिंग दी जाएगी।

गगनयान पर 10 हजार करोड़ का खर्च आएगा:-

गगनयान मिशन की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2018 को लालकिले से की थी। मिशन पर करीब 10 हजार करोड़ रुपए का खर्च आएगा। इसके लिए 2018 में ही यूनियन कैबिनेट ने मंजूरी दे दी थी। भारतीय एस्ट्रोनॉट्स 7 दिन पृथ्वी के लोअर ऑर्बिट के चकार लगाएंगे। इनकी ट्रेनिंग के लिए ISRO ने रूस की अंतरिक्ष एजेंसी ग्लावकॉस्मोस से समझौता किया है।

 

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