डेस्‍क जॉब के कारण बढ़ रहा है हार्ट अटैक का खतरा…

हेल्‍थ। पिछले एक दशक में वैश्विक स्तर पर हृदय रोग के मामले सबसे अधिक रिपोर्ट किए गए हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि युवाओं में पिछले कुछ वर्षों में हृदय रोग और हार्ट अटैक जैसी जानलेवा समस्याओं के मामले काफी तेजी से बढ़े हैं। यह खतरा उन लोगों में और भी अधिक देखा जा रहा है जिनकी डेस्क जॉब है, अर्थात् जिनके दिन का 7-8 घंटे का समय ऑफिस में बैठे-बैठे निकल जाता है।

शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि अन्य लोगों की तुलना में ऐसे लोगों में  स्ट्रोक या दिल का दौरा पड़ने की आशंका भी काफी अधिक होती है।

अध्ययनकर्ताओं का मानना है कि, निष्क्रिय जीवनशैली के कारण हृदय रोग के मामले काफी अधिक देखे जा रहे हैं। ऑफिस जाने वाले सभी लोगों को इस खतरे को ध्यान में रखते हुए बचाव के उपाय करते रहने की आवश्यकता है। आपकी गड़बड़ जीवनशैली, हृदय की सेहत को गंभीरत रूप से प्रभावित कर रही है, इस खतरे को नजर अंदाज नहीं किया जाना चाहिए। आइए जानते हैं कि विशेषज्ञों ने इससे बचाव के लिए कौन से उपाय करने की सलाह दी है?

अध्ययन में पता चला:-

चाइनीज एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज और पेकिंग यूनियन मेडिकल कॉलेज द्वारा ऑफिस में डेस्क जॉब करने वाले लोगों में हृदय रोगों के बढ़ते जोखिमों को जानने के लिए एक अध्ययन किया गया। इसमें विशेषज्ञों ने पाया कि जिन कर्मचारी की नौकरी दिन में आठ-नौ घंटे डेस्क पर बैठे रहने वाली होती है उनमें दिल का दौरा या स्ट्रोक होने की आशंका 20% अधिक हो सकती है।

11 वर्षों के दौरान शोधकर्ताओं ने 21 देशों के 105,677 लोगों के रिकॉर्ड की जांच की। अध्ययन के अंत तक 6,200 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई, इसमें से 2,300 को दिल के दौरे पड़े, 3,000 स्ट्रोक और 700 लोगों को हार्ट फेलियर की समस्या हुई।

लंबे समय तक बैठने की आदत के कई खतरे:-

शोधकर्ताओं ने बताया कि, लंबे समय तक बैठे रहने वाली आदत ने कई तरह की समस्याओं को बढ़ा दिया है। डेस्क पर बिताए जाने वाले समय को कम करके दिनचर्या में शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाने से आपको बिल्कुल उसी तरह के लाभ मिल सकते हैं, जैसे सिगरेट छोड़ने से मिलता है।

भारत के नजरिए से भी यह काफी तेजी से बढ़ता हुआ खतरा है। दुनियाभर होने वाले हृदय रोगों के 60% मामले भारत से रिपोर्ट किए जाते रहे हैं। हृदय रोगों के अलावा लंबे समय तक बैठने की आदत शारीरिक मुद्रा, मानसिक स्वास्थ्य और तनाव के स्तर को भी प्रभावित कर देती है।

क्या कहता है अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन

हाल ही में अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन ने हृदय रोगों के बढ़ते वैश्विक जोखिम को देखते हुए इसे कम करने के उपाय के बारे में बताया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया कि ज्यादातर हृदय रोगियों में नींद की कमी के मामले सबसे कॉमन देखे जा रहे हैं। सेंडेंटरी लाइफस्टाइल के साथ नींद की कमी के मामले आपमें हृदय संबंधी बीमारियों के जोखिम को कई गुना तक बढ़ा देते हैं। ऐसे में यदि हम सभी दैनिक व्यायाम और अच्छी नींद लेने पर ध्यान दे लें तो हृदय की समस्याओं के खतरे को काफी हद तक कम करने में मदद मिल सकती है।

क्या है विशेषज्ञों की सलाह?

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के विशेषज्ञों का कहना है कि नींद की गुणवत्ता और अवधि में सुधार करने के साथ दैनिक रूप से योग-व्यायाम की आदत बनाकर 80 प्रतिशत हृदय रोगों के मामलों को कम किया जा सकता है। जिन लोगों के दिन का ज्यादातर समय बैठे-बैठे निकल जाता है, उन्हें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।

थोड़ी-थोड़ी देर पर जगह से उठकर वॉक करते रहें। ब्रेक के दौरान साधारण स्ट्रेच करने और सीढ़ियों से चढ़ने उतरने की आदत बनाएं, इससे समस्याओं को कम करने में मदद मिल सकती है। हृदय रोगों के जोखिम को कम करने के लिए आहार का भी विशेष ध्यान रखें, अधिक वसा वाली चीजों से बचाव करें। छुट्टी के बाद रोजाना वॉक करने की आदत बनाए। सबसे जरूरी बात ऑफिस में जाने के लिए लिफ्ट की जगह सीढ़ियों पर चढ़ने की आदत डालें।

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