जानें शवासन करने का सही तरीका और सावधानियां…

योग। योग शरीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी है। स्वस्थ रहने, बीमारियों से बचाव और रोगों के निवारण के लिए नियमित योगासन का अभ्यास बहुत जरूरी है। कई तरह के योग हैं जो अलग अलग बीमारियों में असरदार हैं। इसमें से एक हैं शवासन। शवासन योग का अभ्यास आमतौर पर योगासनों के समापन में किया जाता है। इस आसन को करने के कई लाभ हैं। शवासन शरीर को रिलैक्स और रिचार्ज करता है। तनाव को दूर करने के लिए भी शवासन का अभ्यास कर सकते हैं। इस योगासन को सही तरीके से किया जाना जरूरी है। अक्सर लोग शवासन करते समय छोटी छोटी गलतियां करते हैं, जो उनके शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकती है। तो आइए जानते हैं शवासन के अभ्यास का सही तरीका और इसके सावधानियों के बारें में…  

 शवासन का सही तरीका :-
शवासन का अभ्यास करने के लिए मैट पर पीठ के बल आराम से लेट जाएं। फिर आंखें बंद करके दोनों टांगों को अलग अलग कर लें। शरीर पूरी तरह से रिलैक्स रखें।  ध्यान रखें कि आपके पैरों के दोनों अंगूठे साइड की ओर झुके हों। हाथ शरीर के साथ ही हों लेकिन थोड़ी दूरी पर रखें।  हथेलियों को खुला और ऊपर की ओर रखें। फिर धीरे-धीरे शरीर के हर हिस्से की और ध्यान दें और सांस की गति धीमी रखें।  फिर मेडिटेशन करते समय अगर आलस आए तो सांस की गति को तेज कर दें। आसन करते समय सोए नहीं।  शरीर और सांस पर फोकस रखें। 10 से 12 मिनट में जब शरीर पूरी तरह से रिलैक्स हो जाए तो नई ताजगी को महसूस कर पाएंगे। अब धीरे धीरे सुखासन की अवस्था में बैठ जाएं और आंखे खोल लें।

  • सावधानियां :-  

खुद से अभ्यास करना :-
भले ही शवासन करना सरल है लेकिन इसे खुद से शुरू नहीं करना चाहिए। हर किसी के लिए यह आसन नहीं है। अगर गर्भावस्था के आखिरी तीन महीने में हैं तो शवासन का अभ्यास न करें। इसके अलावा कमर में चोट होने या कमर का ऑपरेशन हुआ है तो भी शवासन नहीं करना चाहिए।
सोना :-
शवासन के अभ्यास से शरीर रिलैक्स होता है। इस कारण अभ्यास के दौरान नींद आने की संभावना रहती है। इस दौरान नींद आने से योग का पर्याप्त लाभ नहीं मिल पाता। इसलिए सांस और पूरे शरीर पर ध्यान केंद्रित रखें और योगासन के दौरान सोएं नहीं।

गलत स्थान पर अभ्यास करना :-
शवासन के अभ्यास के लिए सही जगह का चयन करें। अक्सर लोग ऐसी जगह पर योग करते हैं, जहां बहुत अधिक शोर होता है। शोर शराबे के बीच योगाभ्यास से शरीर रिलैक्स नहीं होता और इसका लाभ नहीं मिल पाता। इसलिए घर के भीतर या किसी खुली शांत जगह पर शवासन का अभ्यास करें।

हिलना डुलना :-
इस योगासन के अभ्यास में शरीर को स्थिर छोड़ दिया जाता है लेकिन अक्सर लोग लेट कर हिलते डुलते रहते हैं। ऐसा करने से आप आसन से बाहर आ जाते हैं। करीब 10 मिनट तक मैट पर स्थिर लेटे रहें और बिल्कुल भी हिले डुले नहीं। बाद में अंगों को धीरे धीरे हिलाएं और आसन से बाहर आ जाएं।

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