12 books lunch in Indian languages: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन द्वारा तैयार 100 किताबें लॉन्च करेंगे। जो कि 12 भारतीय भाषाओं में होगी। बताया जा रहा है कि ये लॉन्च की जालें वाली किताबें विज्ञान, मानविकी और सामाजिक विज्ञान से संबंधित है। यूजीसी के अध्यक्ष प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने बताया कि शिक्षा मंत्रालय एनईपी 2020 की तीसरी वर्षगांठ के मौके पर प्रगति मैदान में दो दिवसीय शिखर सम्मेलन अखिल भारतीय शिक्षा समागम का आयोजन कर रहा है। जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों किया जाएगा।
यूजीसी के अध्यक्ष ने बताया कि इंजीनियरिंग की तर्ज पर इस साल से स्नातक और स्नातकोत्तर प्रोग्राम के छात्रों को भी भारतीय भाषाओं में पढ़ाई का मौका मिलेगा। इसकी कुछ किताबें तैयार हो गई हैं और अन्य के अनुवाद का काम जारी है। शिक्षार्थी एनईपी का मूल है और इसकी सिफारिशों का सीधा लाभ उन्हीं को होगा।
प्रशिक्षण और अनुभवात्मक शिक्षा के आधार पर होगा मूल्यांकन
उन्होंने बताया कि किताबी ज्ञान व क्लासरूम के अलावा व्यावहारिक और प्रयोगशाला कार्य सीखने के घंटों में अब इनोवेशन लैब, क्लास प्रोजेक्ट, असाइनमेंट, ट्यूटोरियल, खेलकूद, योग, फिजिकल एक्टिविटी,म्यूजिक, डांस, सोशल वर्क,एनसीसी के आधार पर क्रेडिट यानी अंक मिलेंगे। परीक्षा, कक्षा परीक्षण, प्रश्नोत्तरी, कौशल शिक्षा में क्षेत्र का दौरा और साथ ही इंटर्नशिप, प्रशिक्षुता, नौकरी पर प्रशिक्षण और अनुभवात्मक शिक्षा के आधार पर मूल्यांकन होगा।
मनपसंद कोर्स की पढ़ाई का मिलेगा विकल्प
प्रोफंसर जगदीश कुमार ने बताया कि आगामी शैक्षणिक सत्र 2023-24 से सभी विश्वविद्यालयों में चार वर्षीय डिग्री प्रोग्राम शुरू हो रहा है। छात्रों को डिग्री के साथ किसी भी मनपसंद कोर्स की पढ़ाई, अपनी सहूलियत से पढ़ाई के दौरान एंट्री-एग्जिट की सुविधा, कौशल विकास, स्टार्टअप, इनोवेशन, रिसर्च, इंटर्नशिप व प्लेसमेंट में जाकर नौकरी का विकल्प मिल रहा है। यानी छात्र अब अपनी प्रतिभा व रूचि के अनुसार सीखने और करियर का विकल्प का रास्ता खुद चुन सकता है। डिग्री प्रोग्राम के साथ अपने मनपसंद कोर्स की पढ़ाई का विकल्प है।