Char Dham Yatra 2024: देवभूमि के नाम से प्रसिद्ध उत्तराखण्ड में ही गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ चारों धाम स्थित है. हर साल देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु यहां चार धामों के दर्शन के लिए आते हैं. भक्तों की संख्या इसलिए भी ज्यादा होती है क्योंकि यह यात्रा साल में सिर्फ 6 महीनों ही चलती. सर्दी के दिनों में राज्य में कड़ाके की ठंड और बर्फबारी होने के कारण चार धामों की यात्रा को रोक दिया जाता है.
ऐसे में यदि आप भी चार धामों (Char Dham Yatra) की यात्रा करने का प्लान बना रहे है तो आपको पता होना चाहिए कि इन चारों धामों के यात्रा का सही क्रम क्या है. कहां आपको पहले दर्शन करने चाहिए और कहां बाद में. तो चलिए आज हम आपको इसी के बारे में विस्तार से बताते है.
Char Dham Yatra 2024: क्या है चार धाम यात्रा का सही क्रम
हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए चार धाम यात्रा (Char Dham Yatra) का बड़ा ही खास महत्व होता है. चार धाम यात्रा को बैकुंठलोक की यात्रा के समाना माना जाता है. उत्तराखंड में स्थित चार धाम हैं गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ है.
यात्रा का पहला पड़ाव
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चार धाम यात्रा (Char Dham Yatra) की शुरुआत यमुनोत्री से होती है. माना जाता है कि यमुनोत्री से चार धाम के यात्रा की शुरुआत करने पर बिना किसी बाधा के यात्रा पूर्ण हो जाती है. साथ ही शास्त्रों में वर्णित है कि यात्रा की शुरुआत पश्चिम से की जाती है और पूर्व में समाप्त होती है इसलिए भी सबसे पहले यमुनोत्री धाम के दर्शन किये जाते हैं.
यात्रा का दूसरा पड़ाव
वहीं, यमुनोत्री के दर्शन के बाद चार धाम यात्रा का दूसरा पड़ाव गंगोत्री धाम होता है. बता दें कि गंगोत्री धाम की यमुनोत्री से दूरी करीब 220 किलोमीटर है लेकिन वहां तक जाने के लिए आपको पैदल चलने की जरूरत नहीं होती आप सड़क मार्ग से आसानी से गंगोत्री धाम पहुंच सकते हैं. गंगोत्री धाम को लेकर मान्यता है कि यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के सभी पाप धुल जाते हैं.
यात्रा का तीसरा पड़ाव
भगवान भोलेनाथ के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ ज्योतिर्लिंग भी है, जो चार धाम यात्रा का तीसरा पड़ाव है. लोगों का ऐसा मानना है कि आज भी भगवान शिव केदारनाथ धाम में निवास करते हैं. वहीं, बाबा केदारनाथ के दर्शन करके श्रद्धालुओं को मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है.
चार धाम यात्रा का अंतिम पड़ाव
वहीं, इस यात्रा का अंतिम पड़ाव है, बद्रीनाथ धाम. अलकनंदा नदी के तट पर स्थिति भगवान विष्णु का ये धाम उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बद्रीनाथ धाम के दर्शन मात्र से ही भक्तों के सभी पाप नष्ट होते हैं और ईश्वर के आशीर्वाद से जीवन में स्थिरता आती है.
शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है कि जो भी भक्त श्रद्धापूर्वक चार धाम यात्रा (Char Dham Yatra) करते हैं उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही व्यक्ति जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति पाता है और उसकी आध्यात्मिक उन्नति होती है.
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