विज्ञान की पहुंच केवल अधिभूत तक, अधिदैव और अध्यात्म तक पहुंचाना है बाकी:दिव्‍य मोरारी बापू  

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि मंत्र का महत्व क्या है? मंत्र की शक्ति बड़ी अद्भुत है। कहा गया है-“देवाधीनं जगत्सर्वं मंत्राधीनाश्च देवता”।

जगत देवताओं के अधीन है और सभी देवता मंत्र के अधीन है। लेकिन मंत्र, तंत्र और यंत्र तीनों की सही जानकारी और सही उपयोग बहुत आवश्यक है।

हम सब विज्ञान का बहुत आदर करते हैं और विज्ञान में हम सबकी बड़ी रुचि है, लेकिन आज के विज्ञान की पहुंच केवल अधिभूत तक ही है, अधिदैव और अध्यात्म तक पहुंचाना अभी उसके लिये बाकी है। विज्ञान और मनुष्य की जानी हुई दुनियां से, न जानी हुई दुनियां बहुत बड़ी है। मंत्र साधना से हम सब अध्यात्म के सर्वोच्च शिखर तक पहुंच सकते हैं। अर्थात् मंत्र साधना अगर सही ढंग से बन जाये, तो कुछ भी आश्चर्य नहीं रहेगा सब उसे समझ में आ जायेगा। सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)।

 

		

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