Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि हम सभी देशवासियों को अपनी धरती और देश की तन-मन-धन से रक्षा करनी है और यह तभी संभव है जबकि हम अपनी जन्मभूमि, अपनी धरती, अपना देश, अपनी राष्ट्रभूमि के प्रति निष्ठावान रहें, उसकी उन्नति के लिए कार्यान्वित बनें और उसके सम्मानित अस्तित्व की रक्षा के लिये सदैव संगठित एवं जागरूक रहें।
ऋषियों का उपदेश होता था कि कोई भी व्यक्ति ऐसा कोई भी काम न करे जिससे अपनी मातृभूमि की प्रतिष्ठा गिरे, और ऐसा कोई भी मार्ग न अपनाये जिससे अपने देश की महिमा की हानि हो।
तुलसीजी, गंगाजी और ईश्वर के समान गाय भारत वर्ष में पूजनीय है। अतः इसके प्रतिनिष्ठा रखना भारतवर्ष के प्रति निष्ठा रखने के समान है। हमारे वैदिक ऋषियों ने गाय के प्रति हार्दिक निष्ठा अभिव्यक्त की है।
हमारे देश के ऋषि हृदय से कामना करते हैं कि विश्व के सभी मानव उन्हें मित्र की दृष्टि से देखें और वे भी विश्व के सभी मानवों को मित्र की दृष्टि से देखें। इस प्रकार विश्व में सभी मानव सभी मानवों को मित्र की दृष्टि से देखें, और जो हमें प्राप्त हुआ है उसी का उपयोग करें, किसी दूसरे के धन को छीन लेने का लोभ नहीं करें। सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)।