बरेली। स्वयं सहायता समूहों से जुड़ीं महिलाओं को अब घरों पर अपने उत्पाद तैयार नहीं करने पड़ेंगे। महिला समूहों की सहूलियत के लिए गांवों में वर्कशेड तैयार करने की योजना तैयार की गई है। मनरेगा के तहत पहले चरण में जिले के 50 गांवों में वर्कशेड तैयार किए जाने हैं। जल्द ही इनका काम शुरू किया जाएगा। जिले में स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर बड़ी संख्या में महिलाएं स्वरोजगार कर रही हैं। कई महिलाओं ने छोटे स्तर पर अचार और पापड़ बनाने का काम शुरू किया है, लेकिन उन्हें इनका उत्पादन घर पर ही करना पड़ता है। जगह की कमी के चलते इसमें व्यवधान आता है। काम का विस्तार भी नहीं हो पाता है। इस दिक्कत को देखते हुए गांवों में वर्कशेड तैयार करने की प्लानिंग की गई है। पहले चरण में जिले के 50 गांवों में मनरेगा के तहत वर्कशेड का निर्माण किया जाएगा। इनमें महिला समूह अपने उत्पादों का निर्माण कर सकेंगे। डीसी मनरेगा गंगाराम ने बताया इस संबंध में शासन से निर्देश मिल गए हैं। जिले के जिन गांवों में स्वयं सहायता समूह अच्छा काम कर रहे हैं, वहां वर्कशेड का निर्माण किया जाएगा। रिवॉल्विंग फंड और सीआईएफ की रकम का इस्तेमाल वर्कशेड निर्माण में किया जाएगा। डीसी मनरेगा गंगाराम ने बताया वर्कशेड का निर्माण महिला स्वयं सहायता समूहों के प्रस्ताव पर किया जाएगा। वर्कशेड निर्माण के लिए महिला समूह अपने प्रस्ताव भेजेंगे। इसके बाद उन गांवों में वर्कशेड का निर्माण किया जाएगा।