लखनऊ। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) ने कोरोना संक्रमण में मृत शिक्षकों व अपने अभिभावकों को खोने वाले विद्यार्थियों के हित में महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। विश्वविद्यालय ने तय किया है कि कोरोना संक्रमण के कारण जिन विद्यार्थियों के माता-पिता का निधन हुआ है, ऐसे सभी विद्यार्थियों के बाकी बचे सभी सत्रों के शुल्क का वहन विवि द्वारा किया जाएगा। इसका लाभ विवि के निजी एवं शासकीय दोनों क्षेत्रों के संस्थानों के विद्यार्थियों को मिलेगा। इस पर शनिवार को हुई वित्त समिति की बैठक में सहमति बनी। कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक की अध्यक्षता में हुई वित्त समिति की बैठक में कोविड-19 संक्रमण के कारण प्रभावित शिक्षकों व विद्यार्थियों को सहयोग करने पर चर्चा हुई। इसके बाद तय किया गया कि महामारी के कारण मृत शासकीय एवं निजी संस्थानों में कार्यरत शिक्षकों के परिजनों को पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता की जाएगी। बैठक में कोरोना संक्रमण के दौरान विवि परिवार और उनसे जुड़े व्यक्तियों की देखभाल एवं चिकित्सा सुविधाएं मुहैया करवाने में महत्वपूर्ण योगदान करने के लिए विवि द्वारा सहायक कुलसचिव डॉ. आयुष श्रीवास्तव, वाहन चालक तुलसी राम एवं एंबुलेंस चालक अशोक कुमार को पुरस्कृत किए जाने का निर्णय लिया गया है। डॉ. आयुष श्रीवास्तव को पुरस्कार स्वरूप 50 हजार, तुलसीराम एवं अशोक कुमार को 10-10 हजार रुपये देने का निर्णय लिया गया। बैठक में विशेष सचिव प्राविधिक शिक्षा कृपाशंकर, प्रति कुलपति प्रो. विनीत कंसल, वित्त अधिकारी जीपी सिंह, कुलसचिव नंदलाल सिंह, परीक्षा नियंत्रक प्रो. राजीव कुमार, डीन एफओए प्रो. वंदना सहगल आदि सदस्य उपस्थित रहे। वित्त समिति ने आईईटी में बीटेक बायोटेक पाठ्यक्रम स्ववित्तपोषित मोड में संचालित किए जाने को हरी झंडी दी। इसके साथ ही बायोटेक के क्षेत्र में उच्च स्तरीय शोध कार्यों को बढ़ावा देने के लिए एक सेंटर फॉर एक्सीलेस की स्थापना किये जाने का निर्णय लिया गया। यह सेंटर फॉर एक्सीलेंस विवि के सेंटर फॉर एडवांस स्टडीज (कैस) में स्थापित किया जाएगा। इसके लिए 06 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है।