लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक अच्छी पहल करते हुए कोविड-19 में अपने माता अथवा पिता अथवा दोनों को ही खोने वाले छात्र-छात्राओं को गोद लेने और उनकी पढ़ाई का पूरा खर्च उठाने का निर्णय लिया है। खास ये की इसकी शुरुआत खुद कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय, रजिस्ट्रार डॉ. विनोद कुमार सिंह आदि ने की है। यह सहमति कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय की अध्यक्षता में हुई कार्य परिषद की बैठक में बनी। बैठक में कुलपति ने कार्य परिषद सदस्यों को इससे अवगत कराया और सभी अधिकारियों, शिक्षकों से इसके लिए आगे आने का अह्वान भी किया। जिस पर चीफ प्रॉक्टर प्रो. दिनेश कुमार व अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. पूनम टंडन ने भी एक-एक ऐसे छात्र की शिक्षा का खर्च वहन करने की घोषणा की। प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि इसके अंतर्गत संबंधित छात्र की साल भर की फीस व अन्य शिक्षण शुल्क वहन किया जाएगा। विवि ने हाल में ऐसे छात्रों की गूगल फॉर्म के जरिए सूचना प्राप्त की है, जिसमें लगभग 70 छात्रों ने आवेदन किया था। इसके साथ ही बैठक में यह भी तय हुआ कि जिन शिक्षकों अथवा शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का कोविड-19 के कारण निधन हुआ है, उनके आश्रित को नियमानुसार जल्द नियुक्ति दी जाए। बैठक में एनईपी के अनुसार विवि के आर्डिनेंस को भी मंजूरी दी गई, जिसके बाद लखनऊ विश्विद्यालय सत्र 2020-21 में ही नई शिक्षा नीति के अनुरूप फ्लेक्सिबल एंट्री एग्जिट लागू करने वाला पहला संस्थान बन गया है। बैठक में विवि में खुलने वाले फार्मेसी संस्थान को भी औपचारिक मंजूरी दी गई। परीक्षा समिति ने शासन के निर्देश पर वर्ष 2020-21 की परीक्षा/प्रोन्नत करने के लिए विस्तृत रूपरेखा तैयार करने के लिए कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय को अधिकृत किया गया था। इस क्रम में कुलपति ने डीन व वरिष्ठ शिक्षकों की एक कमेटी बनाई है जो जल्द अपनी रिपोर्ट देगी। इस कमेटी में प्रो. आर अरविंद अवस्थी डीन आर्ट्स, प्रो. तृप्ता त्रिवेदी डीन एजुकेशन एवं साइंस, प्रो. सीपी सिंह डीन लॉ, प्रो. आरके माहेश्वरी डीन कॉमर्स, प्रो. आलोक कुमार डीन फाइन आर्ट्स, प्रो. पीसी सक्सेना डीन आयुर्वेद, प्रो. जमाल अख्तर डीन यूनानी, प्रो. आरएस गुप्ता प्रोफेसर इंचार्ज फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग, प्रो. अरुण सेठी हेड रसायन विज्ञान, डॉ. मो. मियां प्राचार्य, शिया पीजी कॉलेज, डॉ. निशा गुप्ता प्राचार्य, महिला पीजी कॉलेज, प्रो. पीयूष भार्गव अधीक्षक परीक्षाफल व लविवि परीक्षा नियंत्रक प्रो. एएम सक्सेना शामिल हैं। कार्यपरिषद में चार नए अधिष्ठाता के पदों के सृजन के प्रस्ताव को लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (लूटा) ने उप्र विश्वविद्यालय के नियम एवं परिनियमों का उल्लंघन बताया है। लूटा अध्यक्ष डॉ. विनीत वर्मा, व महामंत्री डॉ. राजेंद्र कुमार वर्मा ने इसे विवि की शैक्षणिक स्वायत्तता को समाप्त करने की तैयारी बताया है। उन्होंने कहा है कि कार्य परिषद में इन नए पदों के सृजन का उद्देश्य नई शिक्षा नीति को लागू करना बताया गया है जबकि प्रस्ताव में स्पष्ट किया है कि इन पदों का प्रस्ताव नई शिक्षा नीति की घोषणा से पहले ही 20 मार्च 2020 में लाया जा चुका है। तथा इन पदों पर कुलपति ने बिना पारदर्शी व्यवस्था के नियुक्ति भी कर चुके हैं। कार्य परिषद में आज लाए गए प्रस्तावों के प्रावधानों से स्पष्ट है कि बिना किसी विज्ञापन/ शैक्षणिक विशिष्टता/वरिष्ठता के डीन रिसर्च, डीन एकेडमिक, डीन रिक्रूटमेंट, डीन प्रवेश की नियुक्ति वीसी अपनी इच्छा से करेंगे। लूटा ने कुलाधिपति व मुख्यमंत्री से उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय एक्ट के उल्लंघन में कार्य परिषद द्वारा पारित किए गए इन प्रस्तावों को निरस्त करने की मांग की है।