लखनऊ। प्रदेश के ट्रामा सेंटर पर मरीजों का दवाब कम होगा। ट्रामा के मरीजों को उनके ही जिले में तत्काल सिटी स्कैन की सुविधा मिल सकेगी। इसकेलिए 16 जिले में सिटी स्कैन मशीन लगाई जा रही है। यह मशीन पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत लगाई जा रही है। इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है। प्रदेश के विभिन्न जिला अस्पतालों में सिटी स्कैन की सुविधा नहीं होने पर मरीजों को महानगरों के लिए रेफर किया जाता है। इमरजेंसी में आने वाले दुर्घटनाग्रस्त मरीजों को यह कह कर तत्काल रेफर कर दिया जाता है कि संबंधित अस्पताल में सिटी स्कैन की सुविधा नहीं है। ऐसे में मरीजों को महानगरों तक पहुंचने में घंटों लग जाते हैं। राजधानी सहित विभिन्न स्थानों के ट्रामा सेंटर पर मरीजों का दबाव भी बढ़ता है। ट्रामा सेंटर का आकलन करने पर यह बात सामने आई कि करीब 50 फीसदी मरीज ऐसे रेफर किए जाते हैं, जिन्हें जिला अस्पताल में उपचार दिया जा सकता है। इसके तहत शासन की ओर से निर्देश दिया गया कि जिन जिला अस्पतालों में अभी तक सिटी स्कैन नहीं है, वहां इसे लगाया जाए। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने 16 उन जिलों में पीपीपी मॉडल के तहत सिटी स्कैन लगवाने का निर्देश दिया, जहां अभी तक यह सुविधा नहीं है।