राजस्थान/पुष्कर। परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि मेरे पास जो कुछ है, श्री भगवान् की कृपा का ही बल है। ऐसा संतों के मुख से सुना जाता है और यही भक्तों की भावना है। और यही वास्तविकता है। मेरे में यदि किसी को कोई अच्छी बात दिखाई देती है तो वह भगवत् कृपा का ही चमत्कार है। मेरे पास सचमुच कोई भी साधन-संपत्ती या किसी प्रकार की भी सिद्धि नहीं है। जो कुछ है, केवल नित्य सहज सहृदय श्री भगवान् की कृपा का ही बल है। बस, वह कृपा ही सर्वस्व है। सकल साधना- सिद्धि- शून्य है केवल कृपा सहारा। कृपा, कृपा बस कृपा एक ही, है सर्वस्व हमारा।। इसलिए मुझसे जो कोई भी साधन पूछते हैं, मैं उनसे यही कहता हूं, भाई! भगवान् की अहैतुकी कृपा पर भरोसा करो, उसी का आश्रय करो। भगवान् की कृपा शक्ति प्रगट होती है, वहां सारी शक्तियां उसकी सहायक तथा अनुगत हो जाती हैं। जा पर कृपा राम की होई। ता पर कृपा करहिं सब कोई।।आप भी भगवान् की इस अहैतुकी कृपा पर विश्वास करो कि आप पर भगवान् की असीम अनन्त कृपा है, आप उस कृपा- सुधा- सागर में डूबे रहो, आपका यह विश्वास जितना ही दृढ़ और प्रत्यक्ष होगा, उतना ही आप उस महती कृपा का अनुभव प्राप्त कर सकोगे। सभी हरि भक्तों के लिए पुष्कर आश्रम एवं नवनिर्माणाधीन गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना- श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)।