गोरखपुर। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) के उपाध्यक्ष प्रेम रंजन सिंह की पहल पर सोमवार से शुरू हुए दो दिवसीय विशेष मानचित्र एवं नामांतरण निस्तारण कैंप में कई ऐसे मामले हल हुए, जिन्हें लेकर आवेदक वर्षों से प्राधिकरण के चक्कर लगा रहे थे। बरगदवां में व्यावसायिक निर्माण के लिए 12 साल से लंबित उद्यमी विष्णु अजीत सरिया का मानचित्र घंटे भर में ही पास हो गया। कैंप में 45 आवेदन आए थे, 15 शमन मानचित्र स्वीकृत किए गए, जिससे प्राधिकरण को 1 करोड़ 66 लाख 49 हजार 598 रुपयों की आय हुई। वहीं संपत्तियों के 19 मामलों का निस्तारण हुआ। उपाध्यक्ष ने बाकी बचे मामलों को एक सप्ताह के भीतर निस्तारित करने का निर्देश दिया है। कैंप तीन अगस्त को भी लगेगा। बता दें कि उद्यमी विष्णु अजीत सरिया ने प्राधिकरण के रवैये से परेशान होकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की थी। मुख्यमंत्री ने कमिश्नर रवि कुमार एनजी को मामले का निस्तारण कराने का निर्देश दिया था। इसी क्रम में उपाध्यक्ष ने कैंप में मामले के बारे में जानकारी ली और उसका निस्तारण कराया। लंबे समय से लटके मानचित्र के आवेदन और नामांतरण संबंधी मामलों को लेकर नवागत उपाध्यक्ष प्रेम रंजन सिंह ने सख्ती की है। उन्होंने अभियंताओं-कर्मचारियों को चेताया है कि अब यदि बिना किसी ठोस वजह के मानचित्र स्वीकृत करने में देरी हुई तो कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा है कि आवेदन में कुछ कमी हो तो उसे तत्काल जानकारी देकर पूरा कराया जाए। लंबित आवेदनों को लेकर दौड़ लगाने वाले आवेदकों की सहूलियत के लिए ही उपाध्यक्ष ने दो व तीन अगस्त को मानचित्र निस्तारण व नामांतरण दिवस का आयोजन करने का निर्णय किया। संबंधित अभियंताओं, कर्मचारियों के अलावा जीडीए उपाध्यक्ष और सचिव राम सिंह गौतम खुद इस कैंप में पूरे समय बैठे रहे और लोगों की समस्याएं सुनी। वहीं उपाध्यक्ष ने आवेदकों से अपील की है कि यदि किसी को भी मानचित्र या नामांतरण संबंधी मामलों में किसी तरह की दिक्कत हो तो वह तीन अगस्त को जीडीए पहुंच कर अपनी समस्याएं बता सकता है, सभी का निस्तारण कराया जाएगा।