उत्तराखंड। गांव के बच्चों के संघर्षपूर्ण जीवन को आठ युवाओं की टीम पर्दे पर उतारेगी। साथ ही युवाओं ने राज्य में स्थानीय फिल्मों के प्रति प्रोत्साहन की भी पहल की है। स्थानीय स्तर पर फिल्मों के प्रोत्साहन और ग्रामीण युवाओं को फिल्मों के निर्माण के प्रति जागरूक करने के लिए टीम फिल्म ‘रैबार’ (संदेश) लेकर आएगी। वर्ष 2017 से चाइल्ड राइट्स एंड पीपुल वेलफेयर सोसायटी (सीआरपीडब्ल्यू) के आठ युवाओं की टीम जौनसार क्षेत्र, कालसी हरिपुर, कोटी, सहिया व नागनाथ में पिछले चार साल से मीडिया लिट्रेसी प्रोग्राम (मीडिया साक्षरता कार्यक्रम) के जरिए रेडियो, कॉमिक, पहाड़ी डायलॉग के जरिए छात्रों में फिल्मों के निर्माण के प्रति आत्मविश्वास जगा रही है। संस्था के अध्यक्ष नवीन जोशी ने बताया कि यहां शिक्षा, स्वास्थ्य की बदहाल स्थिति को देखते हुए हमने बच्चों के साथ काम करने की ठानी। और हम काफी हद तक सफल भी हुए। हमने बच्चों को प्रशिक्षण व काउंसिलिंग कराकर उन्हें नई दिशा देने की कोशिश की है। नवीन कहते है कि जब यहां आए थे तो शिक्षा, स्वास्थ्य के लिए कुछ नहीं था। पिछले चार साल से यहां काम करने के बाद अब इसे एक फिल्म का रूप देने जा रहे हैं। साथ ही राज्य में स्थानीय फिल्मों के प्रोत्साहन की भी ठानी है। टीम में शामिल श्रुति कौल, रचना जोशी, सूरज नेगी, निहार सिंह, अंशुल भट्ट दून विवि में पत्रकारिता के छात्र रहे हैं। जबकि चंडीधर असवाल विज्ञान और शुभम रावत आईटी के छात्र हैं। युवाओं ने बताया कि फिल्म जल्द ही दर्शकों को देखने को मिलेगी। इसे फिल्म फेस्टिवल के लिए भी भेजा जाएगा। नवीन ने बताया कि कुछ समय से उत्तराखंड में बड़े-बड़े बैनर शूटिंग के लिए पहुंच रहे हैं। यह हमारे राज्य के लिए अच्छा भी है, लेकिन हमें भी अपने राज्य के संसाधनों का उपयोग करना चाहिए। हमारे पास बहुत अच्छा कंटेंट है, लेकिन मंच के बिना उसकी कोई अहमियत नहीं है। कई युवा यहां फिल्मों को लेकर काम करना चाहते हैं। फिल्म ‘रैबार’ शिक्षा-स्वास्थ्य के अभाव में बच्चों के जीवन से लेकर सैनिक के परिवार के दर्द को भी बयां करेगी। युवाओं की ओर से फिल्म में अभिनय के लिए बॉलीवुड में अपने कदम जमा चुके कलाकारों से भी बात की गई है। उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही उन्हें इस पर अच्छी खबर मिलेगी।