हाईवे निर्माण के लिए कई पेड़ों को स्थानांतरित करना है जरूरी

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने दिल्ली वन विभाग से दिल्ली-सहारनपुर राजमार्ग पर 14.75 किमी खंड को छह लेन में विकसित करने के लिए अनुमति मांगी है। इस परियोजना के लिए अक्षरधाम एनएच-9 जंकशन और दिल्ली-यूपी बॉर्डर के बीच 2038 पेड़ बीच में आ रहे हैं। इनमें शीशम, सहतूत, पीपल, चंपा, अशोक, बबूल, नीम, यूक्लिप्टस, कीकर, बेर जामून और गूलर जैसे पेड़ शामिल हैं। 1500 करोड़ की लागत वाला यह प्रोजेक्ट भारतमाता परियोजना के प्रथम चरण का हिस्सा है। यह देश का दूसरा सबसे बड़ा राजमार्ग निर्माण कार्यक्रम है जिसके तहत 50,000 किमी सड़कों का निर्माण किया जाएगा। दिल्ली में इस परियोजना के लिए जिन जगहों की जरूरत है वह भूमि वन विभाग के अधीन है और इसका डायवर्जन भी संभव नहीं है। एनएचएआई ने डीएनडी महारानी बाग से एनएच-148 के जैतपुर-पुष्कर रोड सेक्शन के साथ जंक्शन तक सिक्स लेन एक्सेस कंट्रोल्ड हाईवे के निर्माण के लिए 0.35 हेक्टेयर वन भूमि के डायवर्जन की अनुमति भी मांगी है। निर्माण कार्य के लिए बेरी, नीम, पीपल, सहतूत और सिरस सहित कुल 191 पेड़ों को स्थानांतरित करने का प्रस्ताव पेश किया गया है।

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