नई दिल्ली। विश्व बैंक का कहना है कि सार्वजनिक निवेश में बढ़ोतरी और विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन से उत्साहित भारतीय अर्थव्यवस्था के 2021-22 में 8.3 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि यह 2021 की शुरुआत में महामारी की दूसरी लहर से पहले के अनुमान से कम है। विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री (दक्षिण एशिया) हैंस टिमर ने कहा कि पिछले साल अर्थव्यवस्था में तेज गिरावट को देखते हुए यह बहुत अधिक नहीं लगता है, लेकिन मुझे लगता है कि घातक दूसरी लहर और स्वास्थ्य संकट की गंभीरता को देखते हुए यह वास्तव में बहुत सकारात्मक खबर है। हम अब भी भारतीय अर्थव्यवस्था के संभावित परिणामों को लेकर सकारात्मक हैं। मौजूद वर्ष में हम जितनी प्रगति कर रहे हैं, अनिश्चितता उतनी ही कम है। 31 मार्च को विश्व बैंक ने एक रिपोर्ट में कहा था कि 2021-22 के दौरान भारत की जीडीपी की वास्तविक वृद्धि दर 7.5 से 12.5 फीसदी के बीच रह सकती है।