UP News: उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा बांध रिहंद बांध लगातार हो रही बारिश की बजह से एक बार फिर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है. जलस्तर 869 फीट पार करने के बाद रविवार की आधी रात को सिंचाई विभाग ने बांध के पांच फाटक खोल दिए. इसके बाद विभाग ने आधी रात को पांच फाटक खोलकर करीब 42 हजार क्यूसेक पानी छोड़ दिया.
जलस्तर 869.1 फीट पर स्थिर
सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता राजेश शर्मा ने बताया कि रविवार की शाम से ही बांध में पानी का इनफ्लो अचानक तेज हो गया था. रात 12 बजे तक जलस्तर 869.1 फीट पार कर गया. जिसको देखते हुए पांच फाटक 16 फीट तक खोल दिए गए. सोमवार सुबह 8 बजे तक जलस्तर 869.1 फीट पर स्थिर रहा. उधर, जल विद्युत निगम के अधिशासी अभियंता शशिकांत राय ने बताया कि बांध पर बनी सभी छह टरबाइन फुल लोड पर चल रही हैं.
लगभग 42 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज
इससे लगभग 300 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि फाटक खोलने और टरबाइन से पानी छोड़ने के बाद लगभग 42 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हो रहा है. बांध से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है. ऐसे में जल विद्युत निगम और सिंचाई विभाग ने लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है.
नदियों का रौद्र रूप, गांवों पर असर
फर्रुखाबाद में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. पंखियन गांव में प्रधान का कार्यालय समेत कई घर नदी में समा गए. चंदौली में घाघरा नदी पर बना मुसाहिबपुर बंधा अचानक टूटने से पांच गांवों में पानी घुस गया. ललितपुर के माताटीला, राजघाट, जैमिनी और गोविंद सागर बांध भी लबालब हो चुके हैं. यहां से छोड़ा गया पानी आसपास की बस्तियों में परेशानी बढ़ा रहा है. फर्रुखाबाद का भुड़िया भेड़ा गांव तो गंगा की बाढ़ से पूरी तरह टापू बन चुका है. सिंचाई विभाग और जल विद्युत निगम ने सभी प्रभावित जिलों में सतर्कता बढ़ा दी है. बांधों के गेट खोलने और लगातार पानी छोड़े जाने से बाढ़ जैसी स्थिति से इनकार नहीं किया जा सकता. इसलिए गांववालों को सुरक्षित जगहों पर जाने की सलाह दी गई है.
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