आखिर क्यों नाराज है गृहणियां…?

नई दिल्ली। अभी हाल ही में आवश्यक खाद्य पदार्थों के भाव बढ़ने के बाद जनता संभल भी नही पाई थी कि फिर सरकार ने घरेलू ईंधन गैस सिलेण्डर (एलपीजी) के मूल्य में एकाएक 50 रुपये की बढ़ोतरी कर दिया। देश में पहली बार घरेलू सिलेण्डर का मूल्य एक हजार रुपये को पार कर गया है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने संकेत दिया था कि वैश्विक स्थितियों को देखते हुए महंगाई को रोका नहीं जा सकता है।

इस मूल्य वृद्धि से जनता विशेषकर गृहणियों में काफी आक्रोश है क्योंकि इससे उनके घर का बजट बिगड़ गया है। जिस तेज रफ्तार से घरेलू ईंधन गैस सिलेण्डर के मूल्य बढ़े हैं वह ऐतिहासिक है। दिल्ली और मुम्बई में इसका मूल्य 999 रुपये 50 पैसे है जबकि अन्य शहरों में एक हजार से ऊपर। बिहार में इसका मूल्य 1098 रुपये के स्तर पर पहुंच गया है।

पेट्रोलियम कम्पनियों के इस निर्णय से देश के 29 करोड़ से अधिक घरेलू उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है। मध्यम और निम्न आय वर्ग के उपभोक्ताओं पर इस मूल्य वृद्धि का काफी प्रभाव पड़ा है। इससे घरों में खाना पकाना अब और महंगा हो गया है। खास बात यह है कि अभी गत 22 मार्च को इसके मूल्य में 50 रुपये की वृद्धि हुई थी। गम्भीर चिन्ता की बात यह है कि पिछले सात वर्षों में घरेलू गैस सिलेण्डर के मूल्य में लगभग 600 रुपये की वृद्धि हुई है। सबसे तेजी इस एक साल के भीतर आई है जब इस अवधि में इसका मूल्य 200 रुपये बढ़ गया है। आगे और भी महंगाई के संकेत मिल ही रहे है। 

अभी तक गैस सिलेण्डर का मूल्य एक हजार से ऊपर नहीं पहुंचा था। वाणिज्यिक गैस सिलेण्डर के मूल्य में भी पिछले दिनों भारी वृद्धि की गयी थी और अब इसका मूल्य प्रति सिलेण्डर 2503 रुपये हो गया है। विभिन्न राज्यों में इसपर अलग-अलग वैट और अन्य खर्च उपभोक्ताओं से वसूले जाते हैं। इसीलिए मूल्योंमें भिन्नता बनी रहती है। इस बढ़ोतरी के खिलाफ विभिन्न शहरों में विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो गये हैं।हालांकि इससे कोई खास असर पड़ता नहीं दिखाई दे रहा है क्योंकि इसके बाद फिर पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतो में भी उछाल ही होगा। शेयर बाजार का गिरना भी आगे की महंगाई के ही संकेत है। सरकार महंगाई पर नियंत्रण लगाने में सफल नहीं हो पा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *