नई दिल्ली। डीटीसी ने परिवहन बेड़े में 1500 इलेक्ट्रिक बसें शामिल करने की मंजूरी दे दी है। सीईएसएल की इस पहल से दिल्ली की मौजूदा परिवहन व्यवस्था को स्वच्छ ईंधन में परिवर्तित करने का रास्ता साफ हो गया है। बोर्ड की हालिया बैठक में डीटीसी के चेयरमैन को नई प्रणाली को लागू करने के लिए अधिकृत किया गया है।
राजघाट डिपो से सर्कुलर रूट पर डीटीसी ने पहली इलेक्ट्रिक बस सेवा की शुरुआत कर दी है। मार्च के अंत तक 198 और ई-बसों को बेड़े में शामिल करने के लिए भी बोर्ड ने एक कंपनी को स्वीकृति दे दी है।
सीईएसएल की ग्रैंड चैलेंज योजना के पहले चरण में केंद्र सरकार ने बेंगलुरू, सूरत, हैदराबाद, कोलकाता और दिल्ली सहित 5 महानगरों में लो-फ्लोर एसी और 130 डबल डेकर सहित 5580 ई-बसों के परिवहन बेड़े में शामिल करने के लिए टेंडर किया था।
डीटीसी बोर्ड ने 1500 एसी लो-फ्लोर इलेक्ट्रिक बसों में 921 बसें उद्योग मंत्रालय की फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड इंड इलेक्ट्रिक व्हीकल-2 के तहत शामिल की जाएंगी। शेष 579 ई बसें दिल्ली के बेड़े में दूसरे प्रावधानों के तहत शामिल की जाएंगी। बोर्ड ने इन बसों के लिए सब्सिडी के मद में 318.45 करोड़ रुपये सहित बिजली के बुनियादी ढांचे पर होने वाले खर्च के लिए दिल्ली सरकार से विचार-विमर्श के लिए डीटीसी के प्रबंध निदेशक से कहा है।