हिमाचल-प्रदेश। नयनादेवी-आनंदपुर साहिब रोप वे का डिजाइन दोबारा तैयार होगा। टेंडर प्रक्रिया सिरे नहीं चढ़ने पर पंजाब और हिमाचल प्रदेश के अधिकारियों में इस पर सहमति बनी है। रोप वे के कंसलटेंट को भी बदलने की तैयारी शुरू हो गई है। वहीं पंजाब और हिमाचल पर्यटन विभाग के अधिकारियों की वीडियो कॉन्फ्रेंस में इस बाबत फैसला लिया गया है। करीब 250 करोड़ की लागत से नयनादेवी और आनंदपुर साहिब के बीच 3850 मीटर लंबा रोपवे बनाया जाना है। अगस्त 2018 में पंजाब और हिमाचल सरकार के बीच एमओयू हुआ था। निर्माण कार्य शुरू होने में देरी से रोप वे की लागत प्रस्तावित 200 करोड़ से बढ़कर करीब 250 करोड़ तक पहुंच गई है। इसके निर्माण के लिए दोनों राज्यों ने 50-50 लाख का पूंजीगत निवेश करने के लिए राशि जमा करवाई है। वर्ष 2019 में पूंजीगत निवेश धनराशि जमा करवाने की प्रक्रिया पूरी हुई थी। रोप वे निर्माण के लिए कई बार प्री बिड बैठकें हो चुकी हैं। इसमें दस से बारह निवेशक शामिल होते रहे हैं, लेकिन टेंडर प्रक्रिया में निवेशक दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। इस कारण रोप वे निर्माण शुरू नहीं हो पा रहा है। चार दशक की लीज आधारित रोप वे परियोजना का निर्माण तीन वर्ष के भीतर पूरा करना प्रस्तावित है। रोपवे प्रोजेक्ट रिपोर्ट के तहत पहला टर्मिनल पंजाब में श्री आनंदपुर साहिब के रामपुर स्थान पर प्रस्तावित है। दूसरा टर्मिनल हिमाचल प्रदेश की सीमा में टोबा स्थल पर और तीसरा टर्मिनल श्री नयना देवी शक्तिपीठ स्थल के निचले हिस्से में बनना है। प्रमुख सचिव पर्यटन सुभाशीष पांडा ने बताया कि इस मामले में आरएफपी (रिक्वेस्ट ऑफ प्रोपोजल) को दोबारा देखने का फैसला लिया गया है। पंजाब के अधिकारियों के साथ इस बाबत वीडियो कॉन्फ्रेंस कर चर्चा की गई है।