रिलेशनशिप। बच्चों से हर कोई प्यार करता है। बच्चा जब छोटा होता है तो माता-पिता से लेकर परिवार के अन्य सदस्य उसे प्यार देते हैं। उसकी जरूरतों का ख्याल रखते हैं। बच्चे की फरमाइश पूरी करने की कोशिश करते हैं। बच्चे से लाड़ प्यार करना कोई गलत बात नहीं है लेकिन कुछ लोग जरूरत से ज्यादा लाड़ प्यार करते हैं। इसे अधिक पैंपर करना या सिर चढ़ा लेना भी कह सकते हैं, खासकर अगर बच्चा इकलौता होता है। ऐसा करने पर बच्चे के बिगड़ने की संभावना बढ़ जाती है।
अभिभावक और परिवार के सदस्यों के व्यवहार का असर बच्चे के स्वभाव पर पड़ता है। बच्चा अधिक लाड प्यार में बिगड़ने लगता है और जिद्दी या गुस्सैल बनने लगता है। जिद करना उम्र का तकाजा भी हो सकता है लेकिन जब बच्चा हद से ज्यादा जिद करने लगे तो पैरेंट्स को सावधान हो जाना चाहिए। बच्चे की जिद उम्र बढ़ने पर उसको भविष्य में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए अगर आपका भी बच्चा बहुत ज्यादा जिद्दी है तो उसके इस बर्ताव को ठीक करने के लिए इन टिप्स को अपना सकते हैं।
बहस न करें :-
जिद्दी बच्चों की इच्छाशक्ति बहुत मजबूत होती है। उनकी बात न माने जाने पर वह बहस करने लगते हैं। अभिभावक अगर उनकी जिद और बहस का जवाब उसी तरह से देंगे तो बच्चा ज्यादा जिद करेगा। उसकी जिद पूरी न होने पर वह आपकी हर बात को दरकिनार करने लगेगा। इसलिए जिद्दी बच्चे के सामने खुद जिद न करें, बल्कि उनकी बात धैर्य से सुनें। बीच में उन्हें टोंके नहीं। आपका धैर्य उनके गुस्से और जिद को कुछ कम कर सकता है।
प्रतिक्रिया न दें :-
बच्चा अच्छा बर्ताव करें तो उसकी तारीफ करिए लेकिन जब वह जिद करे या कोई गलत बात करें तो प्रतिक्रिया न दें। चिल्लाने या डांटने से ज्यादा आपकी चुप्पी उनके लिए सजा का काम कर सकती है। उनके जबर्दस्ती न करें और न ही जिद में बच्चे से अपनी बात मनवाएं। बल्कि जब बच्चा जिद करे तो उसे कोई प्रतिक्रिया न दें। जब उनका गुस्सा कम हो जाए तो शांत तरीके से समझाएं कि क्या गलत है और क्या सही।
विकल्प दें :-
बच्चे को ऑडर्र देने के बजाय विकल्प दें। क्योंकि कम उम्र का बच्चा कुछ करने के लिए कहे जाने पर कई सारे सवाल करता है। वहीं अक्सर कुछ बच्चे वो काम करते हैं तो उन्हें करने के लिए मना किया जाता है। इसलिए बच्चों को विकल्प दें। जैसे- अगर वह किसी चीज की जिद करे तो उसके सामने उस चीज के एवज में कोई अन्य विकल्प रखें। ताकि वह अपनी जिद भूल जाए। इस तरह से बच्चा जिद्दी नहीं होगा।
नियम बनाएं :-
बच्चों के अच्छे व्यवहार के लिए कुछ नियम कायदे तय होने चाहिए। आपको कुछ नियम बनाने की जरूरत है। उन्हें समझाएं कि नियम तोड़ने पर उनके लिए ही नुकसान होगा। नियम तय होने पर बच्चा अनुशासन में रहेगा और जिद करना कुछ हद तक कम कर देगा। हालांकि अनुशासन और नियम बहुत ज्यादा कठोर हो।