रिलेशनशिप। बाइपोलर डिसआर्डर एक मानसिक विकार है, जो किसी गहरी मानसिक चोट और दुर्घटना के कारण हो सकता है। बाइपोलर व्यक्ति के साथ डील करना बेहद पेचीदा काम होता है। यदि पार्टनर इस स्थिति का सामना कर रहा है तो लाइफ पूरी तरह से बदल सकती है। बाइपोलर विकार केवल उस व्यक्ति को ही प्रभावित नहीं करता, बल्कि इसका प्रभाव पार्टनर और रिलेशनशिप पर भी पड़ता है। बाइपोलर व्यक्ति भावनात्मक रूप से कमजोर, तनाव, यौन असंतोष और पैसों से संबंधित परेशानियों जैसे लक्षण महसूस कर सकता है। कई बार व्यक्ति अपना कॉन्फिडेंस लेवल भी खो देता है। ऐसे में दूसरा पार्टनर बाइपोलर व्यक्ति की भावनात्मक और शारीरिक रूप से मदद कर सकता है।
उसे सपोर्ट करें:-
बाइपोलर व्यक्ति अपनी बात मनवाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है इसलिए पार्टनर के साथ बहस करने की अपेक्षा उसका सपोर्ट करें। बाइपोलर व्यक्ति के साथ रहने में व्यवहारिक और भावनात्मक दोनों तरह की कठिनाई आ सकती हैं। इसलिए एक-दूसरे की भावनाओं को नुकसान न पहुंचाते हुए सपोर्ट कर सकते हैं।
माहौल को करें हल्का:-
जब भी बाइपोलर व्यक्ति गुस्से में या बहस के मूड में हो तो पार्टनर को हंसाने की कोशिश करें। ऐसे व्यक्ति को शांत करने और माहौल को हल्का करने में मदद मिल सकती है। पेशेंट जितना ज्यादा हंसेगा उतना ही उसका कॉन्फिडेंस लेवल बढ़ेगा।
कुछ समय के लिए अकेला छोड़ें:-
बाइपोलर व्यक्ति गुस्से में कुछ भी कर सकते हैं। इसलिए जब वे गुस्सा हों या मारने का दौड़ें तो उसे कुछ देर के लिए अकेला छोड़ दें। जब व्यक्ति का गुस्सा शांत हो जाएगा तो वो खुद आकर बात करेगा।
बाइपोलर एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति का मूड पल-पल में बदल सकता है। इसलिए कोशिश करें कि बाइपोलर व्यक्ति को इस स्थिति से उभार पाएं।
पुरानी यादों को करें याद:-
कई बार पुरानी बातों को याद करके रिश्तों को बचाया जा सकता है। बाइपोलर व्यक्ति को पुराने फोटो, एल्बम और बातें याद दिलाएं। इससे वह पहले जैसा बनने की कोशिश कर सकता है। इसके साथ ही रिश्तों में प्यार भी बना रहेगा।