आर्थराइटिस के जोखिम को ऐसे करें कम…

हेल्थ। भारत में साल दर साल जोड़ों में दर्द और सूजन की गंभीर समस्या लोगों में बढ़ रही है। आर्थराइटिस को गठिया भी कहते हैं। यह रोग सामान्य तौर पर उम्र बढ़ने के साथ शरीर को प्रभावित करता है। हालांकि कम उम्र के लोगों को भी अब आर्थराइटिस की समस्या होने लगी है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को आर्थराइटिस के खतरे को कम करने के लिए खानपान पर भी विशेष ध्यान देने की सलाह देते हैं। कम उम्र में जोड़ों के दर्द की समस्या से छुटकारा पाना चाहते हैं और आर्थराइटिस के जोखिम को कम करना चाहते हैं तो कुछ आहार का सेवन कर सकते हैं…

 सेब का सेवन:- आर्थराइटिस के जोखिम को कम करने के लिए सेब का सेवन फायदेमंद है। सेब में टैनिन नामक का फेनोलिक यौगिक पाया जाता है जो गठिया की शिकायत को दूर करने में असरदार है।

विटामिन सी युक्त फल:- विटामिन सी युक्त फलों का सेवन भी गठिया की समस्या में फायदेमंद है। अर्थराइटिस की शिकायत होने पर रोगी मौसमी, संतरा, कीवी, नींबू, बैरीज, जामुन आदि फलों का सेवन कर सकते हैं। हालांकि मरीज के लिए विटामिन सी युक्त फलों के सेवन का एक सही समय है। सुबह या शाम में ये फल न खाएं, अन्यथा दर्द बढ़ जाता है। दिन के समय ही फल का सेवन करें।

मछली:- जोड़ो के दर्द, गठिया की शिकायत होने पर रोगी को मछली का सेवन करना चाहिए। ओमेगा 3 फैटी एसिड युक्त मछली में एंटी इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टी होती है जो सूजन को कम करने में मदद करती है।

गठिया में फायदेमंद सब्जियां:- आर्थराइटिस के मरीज के लिए कुछ सब्जियों का सेवन लाभकारी है। लहसुन, अदरक, ब्रोकली, पालक, टमाटर और कद्दू गठिया रोग में फायदेमंद होता है।

मछली:- जोड़ो के दर्द, गठिया की शिकायत होने पर रोगी को मछली का सेवन करना चाहिए। ओमेगा 3 फैटी एसिड युक्त मछली में एंटी इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टी होती है जो सूजन को कम करने में मदद करती है।

गठिया के मरीज न खाएं ये चीजें:- ठंडा:- अत्यधिक ठंडा खाद्य पदार्थ या ठंडे पानी के सेवन से परहेज करें।

मैदा:- मैदा युक्त चीजें, जैसे बिस्किट, स्नैक्स और चिप्स आदि गठिया के मरीजों के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। मैदा फैट बढ़ाता है और गैस की समस्या करता है।

तैलीय भोजन:- घी या तेल से बने व्यंजन और अधिक तला भुना भोजन गठिया रोगियों में दर्द को बढ़ा सकता है।

कैफीन:- कैफीन का अधिक सेवन भी आर्थराइटिस में नुकसानदायक है।

 

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