नई दिल्ली। खाना बनाने के शौक़ीन लोगाे को हरी लहसुन का स्वाद काफी पसंद आता है। यही वजह है कि इसे कई व्यंजनों के अनोखे स्वाद के लिए चुना जाता है। वहीं स्वादिष्ट सूप से लेकर चीज़ डिप्स, स्टिर फ्राइज़, सलाद, मीट रोस्ट तक, हरी लहसुन खाने के स्वाद का मज़ा दोगुना कर देती है। वहीं हरी लहसुन को स्प्रिंग गार्लिक भी कहा जाता है, जो असल में ऐसी लहसुन होती है, जो सही तरीके से उगी नहीं होती। लहसुन का बल्ब बनने से पहले ही हरी लहसुन को ज़मीन से बाहर निकाल लिया जाता है। आकर्षक स्वाद के लिए हरे लहसुन या बेबी लहसुन का सेवन किया जाता है और पाक विशेषज्ञ इसके स्वाद और बनावट की कसम खाते हैं। लहसुन की बुवाई सर्दियों की शुरूआत में की जाती है। क्योंकि यह पौधा तेज़ी से बढ़ता है, तो जब इसके ऊपर का हिस्सा यानी हरी लंबी पत्तियां उग जाती है, तो इसे उखाड़ लिया जाता है। इस समय तक लहसुन का बल्ब तैयार नहीं होता है। कारण यह है कि हरी लहसुन ताज़ा और इसका स्वाद हल्का लगता है, लेकिन एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरूपर होती है। आपको बता दें कि हरा लहसुन एलिसिन नाम के एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। यह कोलेस्ट्रॉल को कम करने में एक सक्रिय तत्व के रूप में काम करता है, शरीर में सूजन को कम करता है। वहीं सर्दी, खांसी और फ्लू जैसी बिमारियों से भी बचाता है। हरा लहसून शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट के अलावा यह प्रतिरक्षा को भी बढ़ाने में मदद करता है और ऑक्सीडेटिव तनाव के कारण होने वाले सेल पुनर्जनन में मदद करता है। इस दौरान कई रिसर्च से भी पता चला है कि लहसुन में मौजूद एलिसिन कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचाव में मददगार साबित होता है। वहीं हरा लहसुन खाने के कई फायदे होते है। जैसे इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है, ब्लड शुगर को भी नियंत्रित रखता है, दिल को भी हेल्दी रखता है, आयरन का अच्छा स्त्रोत होता है।