एस्ट्रोलॉजी। इस बार सावन माह की पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त, गुरुवार को पड़ रही है और इसी दिन रक्षाबंधन का त्योहार है। इस वर्ष रक्षाबंधन पर पूरे दिन भद्रा का साया रहने वाला है। मुहूर्त शास्त्र के अनुसार भद्राकाल के समय को बहुत ही अशुभ माना गया है इस कारण से इस दौरान किसी भी तरह का शुभ कार्य करना वर्जित होता है। ऐसे में रक्षाबंधन पर भद्रा होने पर भाई की कलाई पर राखी नहीं बांधनी चाहिए।
पूर्णिमा तिथि और भद्राकाल की पंचांग गणना:-
इस साल सावन पूर्णिमा तिथि गुरुवार, 11 अगस्त की सुबह 10 बजकर 38 मिनट से शुरू हो जाएगी। सावन पूर्णिमा तिथि 12 अगस्त को सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक रहेगी। फिर इसके भाद्रपद माह की पहली तिथि यानी प्रतिपदा लग जाएगी। पंचांग भेद के कारण इस बार कई जगहों पर रक्षाबंधन 11 और 12 अगस्त दो दिन मनाई जाएगी।
इस बार रक्षाबंधन पर दिनभर भद्रा काल का साया रहने वाला है। भद्रा 11 अगस्त की रात को 8 बजकर 51 मिनट तक रहेगी। कुछ ज्योतिषाचार्यो का कहना है कि भद्रा की सामप्ति के बाद ही रक्षा सूत्र बांधना चाहिए। इस दिन चर चौघड़िया रात में 8.30 बजे से 9.55 बजे तक रहेगी ऐसे में यह समय राखी बांधने के लिए सबसे शुभ समय रहेगा। इस बार पूर्णिमा तिथि सूर्योदय से तीन मुहूर्त से कम समय तक रहेगी। ऐसे में कुछ पंडितों का मानना है कि रक्षा बंधन 11 अगस्त को ही मनाना चाहिए।
रक्षाबंधन के लिए प्रदोषकाल का मुहूर्त:-
रक्षाबंधन प्रदोष मुहूर्त : 20:52:15 से 21:14:18 तक
रक्षाबंधन के लिए प्रदोष काल का मुहूर्त 11 अगस्त 2022 को रात के 08 बजकर 52 मिनट से 09 बजकर 14 मिनट तक है। यह समय राखी बांधने के लिए सबसे शुभ समय रहेगा।
रक्षाबंधन तिथि:-
पूर्णिमा तिथि आरंभ- 11 अगस्त, सुबह 10 बजकर 38 मिनट से
पूर्णिमा तिथि की समाप्ति- 12 अगस्त सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर
शुभ मुहूर्त- 11 अगस्त को सुबह 9 बजकर 28 मिनट से रात 9 बजकर 14 मिनट
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 6 मिनट से 12 बजकर 57 मिनट तक
अमृत काल- शाम 6 बजकर 55 मिनट से रात 8 बजकर 20 मिनट तक
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 29 मिनट से 5 बजकर 17 मिनट तक
रक्षाबंधन 2022 भद्रा काल का समय :-
रक्षाबंधन के दिन भद्रा काल की समाप्ति- रात 08 बजकर 51 मिनट पर
रक्षाबंधन के दिन भद्रा पूंछ- 11 अगस्त को शाम 05 बजकर 17 मिनट से 06 बजकर 18 मिनट तक
रक्षाबंधन भद्रा मुख – शाम 06 बजकर 18 मिनट से लेकर रात 8 बजे तक