रेसिपी। ज्यादातर लोगों का वनीला फ्लेवर फेवरेट होता है। इसे नेचुरल और आर्टिफिशियल दोनों तरीके से तैयार किया जाता है। नेचुरल वनीला फ्लेवर सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है जबकि आर्टिफिशियल वनीला स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होता है। इसलिए ये जानना जरूरी है कि इसे सही तरीके से कैसे इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
सिंथेटिक वनीला से बचें:-
सिंथेटिक वनीला एसेंस आर्टिफिशियल तरीके से बना हुआ वनीला फ्लेवर है। ये केमिकल द्वारा तैयार किया जाता है, जो स्वाद में बिल्कुल वनीला की तरह होता है। इसका सेवन करने से सिरदर्द और एलर्जी जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
वनीला एसेंस से जुड़ा मिथ:-
वनीला एसेंस से जुड़ा एक बड़ा मिथ ये है कि ये आपको कोई नुकसान नहीं पहुंचाता। असल बात तो ये है कि अगर इसे तय मात्रा से ज्यादा इस्तेमाल किया जाए तो इसमें मौजूद केमिकल्स सीधे लिवर पर असर करते हैं।
नेचुरल तरीके से कैसे तैयार होता है वनीला एसेंस:-
स्वाद से अलग वनीला पॉड्स, बींस हेल्थ के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं। भारत में सबसे ज्यादा वनीला की खेती कर्नाटक, केरल और तामिलनाडू में होती है। इन तीनों राज्यों को मिलाकर सालाना 6 से 8 टन वनीला का उत्पादन हमारे यहां होता है।
वनीला एसेंस बनाने के लिए वनीला बींस को पानी और एथिल अल्कोहल के घोल में डुबोया जाता है। उसके बाद इसमें स्वीटनर, कॉर्न सिरप और शक्कर मिलाया जाता है। यह कम प्रोसैस्ड होता है और इसमें वनीला फ्लेवर काफी स्ट्रांग और अच्छा आता है। इसका उपयोग केक, आइसक्रीम, मिठाई, मूज और डेजर्ट बनाने में किया जाता है।
वनीला स्टिक और वनीला बींस में फर्क:-
वनीला के पेड़ से वनीला स्टिक या पॉड्स मिलता है, जिसे सुखा कर वनीला बींस निकाली जाती हैं। इन्हीं बींस को प्रोसेस कर के वनीला एसेंस बनाया जाता है। हालांकि वनीला एसेंस को सेंथिटिक तरीके से भी तैयार किया जाता है, लेकिन वो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है, इसलिए आपको नेचुरल तरीके से बने हुए वनीला एसेंस का ही इस्तेमाल करना चाहिए।
वनीला बींस के सेवन से रहेंगे हेल्दी:-
वनीला बींस में वनैलिन नाम का तत्व पाया जाता है, जो बॉडी में बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है। ये कार्डियो वैस्क्यूलर फंक्शन को बढ़ाने और हार्ट स्ट्रोक की संभावना को कम करने में कारगर है। वनीला बींस एंटी-ऑक्सिडेंट्स गुणों से भरपूर होती हैं, जो शरीर में मौजूद फ्री रैडिकल्स से लड़कर कैंसर से लड़ने में मदद करती हैं। इसमें मौजूद एंटी-इन्फ्लेमेटरी लिवर और जोड़ों के लिए फायदेमंद होता है।