India: प्राचीन वस्तुओं, पुस्तकें आदि की नीलामी करने वाली कंपनी, सैफ्रनआर्ट के ‘पैसेज टू इंडिया ऑक्शन 2024’ में भारत की समृद्ध विरासत के प्रति आकर्षण देखने को मिला. इस दौरान भारत के संविधान का पहला संस्करण जिसे कला के बजाय वास्तुकला का काम माना जाता है, एक नीलामी में 48 लाख रुपये में बेचा गया, जो अब तक की इसकी सबसे ऊंची कीमत है. बता दें कि इस संस्करण को डॉ. भीमराव अंबेडकर ने लिखा था.
दरअसल, ये पुस्तक, देहरादून में भारतीय सर्वेक्षण कार्यालयों की तरफ से बनाई गई और 1950 में केंद्र की ओर से प्रकाशित सिर्फ 1,000 प्रतियों में से एक है. जिसमें निर्माताओं के हस्ताक्षर भी शामिल हैं. यह फोटोलिथोग्राफिक प्रति- जिसका ब्लू प्रिंट भारत की संसद के पुस्तकालय में में रखा गया है.
तीन दिन तक चला ऑनलाइन ऑक्शन
24 से 26 जुलाई तक सैफ्रोनार्ट की तीन दिवसीय ऑनलाइन नीलामी में संविधान का यह संस्करण एक हिस्सा था, जिसमें भारतीय इतिहास, कला, साहित्य और सदियों से चली आ रही प्राचीन वस्तुओं को रखा गया था.
वहीं, सैफ्रोनार्ट की सह-संस्थापक मीनल वजीरानी ने इसको लेकर कहा कि “अपने सौंदर्यशास्त्र के अलावा, प्रत्येक वस्तु भारत की विरासत के दस्तावेजीकरण के रूप में अत्यधिक ऐतिहासिक मूल्य रखती है. डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा तैयार किए गए संविधान के ब्लू प्रिंट पर 1946 की संविधान सभा के 284 सदस्यों के हाथों के निशान हैं, जिसमें लेखिका कमला चौधरी के हिंदी हस्ताक्षर और तत्कालीन प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू के अंग्रेजी हस्ताक्षर भी शामिल हैं.
शीट पर कोड लिखने में लगे छह महीने
आपको बता दें कि रामपुर स्थित सुलेखक रायजादा को प्रिंटिंग और स्टेशनरी के नियंत्रक की ओर से आपूर्ति किए गए हस्तनिर्मित मिलबोर्न लोन पेपर की शीट पर देश को नियंत्रित करने वाले कोड लिखने में नवंबर 1949 से अप्रैल 1950 तक छह महीने लग गए. वहीं इस काम के लिए उन्हें 4,000 रुपये का पुरस्कार भी दिया गया था.
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