Supreme court: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को वकील रिपुदमन सिंह के उस याचिका को खारिज कर दी जिसमें राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह विधायिका कार्यक्षेत्र के अंतर्गत आता है और विधयिका ही इसपर कोई कदम उठा सकती है। यह कहते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पार्दीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने पूर्व में ही दिए फैसले का हवाला देते हुए कहा कि ‘ऐसे मुद्दों पर सरकार और अन्य उपयुक्त संवैधानिक प्राधिकारियों को रिट जारी नहीं की जा सकती। प्रतिवादी (सरकार) के वकील ने कन्हैया लाल सेठिया मामले में दिए फैसले को रिकॉर्ड पर रखा है…हम उनके दृष्टिकोण से सहमत हैं और इस याचिका को खारिज करते हैं।’
आपको बता दें कि इस याचिका में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट, केंद्र सरकार को निर्देश दे कि वह राजस्थानी भाषा को आधिकारिक भाषाओं वाली संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करे।
राजस्थानी भाषा के इस मांग वाली याचिका एक वकील रिपुदमन सिंह ने दायर की थी। पीठ ने कहा कि किसी अन्य भाषा को शामिल करने संबंधी सवाल का जवाब सरकार ही दे सकती है।