लखनऊ। सभी जिलों और पुलिस कमिश्नरेट में राजस्व से संबंधित शिकायतों के निस्तारण के लिए पुलिस महानिदेशक डॉ. देवेन्द्र सिंह चौहान ने एक अलग से तंत्र विकसित करते हुए नोडल अफसर नियुक्ति करने के निर्देश दिए हैं। पुलिस कमिश्नरेट में अपर पुलिस आयुक्त और जिलों में अपर पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों को नोडल बनाने को कहा है। ये नोडल अधिकारी ही राजस्व से संबंधित प्रकरणों के निस्तारण के लिए डीएम से समन्वय करके प्रशासन और पुलिस की एक सयुंक्त टीम का गठन करके मामले का निस्तारण कराएंगे।
पुलिस महानिदेशक ने सभी जोन के एडीजी, डीआईजी, पुलिस आयुक्त और पुलिस अधीक्षकों के लिए जारी सर्कुरल में भूमि से संबंधित विवादों को लेकर मिलने वाले शिकायतों को प्रतिदिन नोट करते हुए यह परीक्षण करने को कहा है कि जिले के किस थाने में ऐसे मामले अधिक आ रहे हैं। जिन थाना क्षेत्रों में भूमि से संबंधित विवाद की शिकायत आने पर नोडल अफसरों के अलावा पुलिस अधीक्षक और पुलिस कमिश्नर भी मौके पर जाकर जानकारी प्राप्त करें और मामले का निस्तारण कराएं।
डीजीपी ने एसपी, कमिश्नर के अलावा थाना, सर्किल और एएसपी के दफ्तरों को दी जाने वाली शिकायतों की भी समीक्षा करने को कहा है। यह भी देखा जाए कि इन कार्यालयों में शिकायतकर्ता की शिकायतें सुनी जा रही हैं या नहीं। सीएम कार्यालय सहित डीजीपी दफ्तर तक मिल रही शिकायतों की बढ़ती संख्या पर नाराजगी जताते हुए डीजीपी ने कहा कि इससे यह साबित हो रहा है कि थाने एवं जिले स्तर पर शिकायतों के निस्तारण में अधिकारियों द्वारा रूचि नहीं ली जा रही है। इसलिए सकिल व तहसील स्तर भी क्षेत्राधिकारी को नोडल अफसर नामित करके भूमि संबंधी विवादों का निस्तारण स्थानीय स्तर पर ही कराया जाए।
घुमक्कड़ अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई :-
पुलिस महानिदेशक डॉ. देवेन्द्र सिंह चौहान ने बढ़ रही चोरी आदि की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस को घुमक्कड़ अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। रात को गश्त करने के लिए कहा गया है। सभी पुलिस कमिश्नरों और जिलों के पुलिस अधीक्षकों को बावरिया, कच्छा-बनियान और घुमक्कड़ प्रवृत्ति के अपराधियों की लगातार निगरानी करने के लिए एक कार्ययोजना तैयार करने को कहा है। डीजीपी ने कहा है कि ठंड के मौसम में रात के समय डकैती, लूट, नकबजनी और एटीएम चोरी जैसी घटनाएं बढ़ जाती हैं, इसलिए विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है।
इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए जोन, परिक्षेत्र और जिला स्तर पर पुलिस की विशेष टीम बनाकर रात की गश्त की जाए और चौकसी की विशेष व्यवस्था रहे। शहरों और कस्बों में रेलवे लाइन के किनारे बनी झोपड़ियों में घुमक्कड़ अपराधियों के ठिकानों की तलाशी ली जाए। डीजीपी ने कहा कि 10 वर्षों से अपराध में शामिल रहे लोगों की सूची तैयार करते हुए उनका सत्यापन और ऐसे सदस्यों का गैंगचार्ट तैयार किया जाए।