नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने लघु अवधि के कृषि ऋण पर ब्याज दर में 1.5 प्रतिशत की छूट प्रदान कर किसानों को बड़ी राहत प्रदान की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में अल्पकालीन कृषि ऋण के लिए 1.5 प्रतिशत ब्याज सहायता योजना को बहाल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
इस फैसले के बाद अब किसानों को कम ब्याज दर पर कर्ज मिलने का रास्ता साफ हो गया है। इसका बोझ बैंकों और कर्ज देने वाले वित्तीय संस्थानों पर भी नहीं पड़ेगा। इसका सबसे ज्यादा लाभ उन किसानों को होगा जो नियत समय पर कर्ज की अदायगी कर देंगे। हालांकि ब्याज सहायता की भरपाई करने के लिए सरकार को बजट के अलावा 34,856 करोड़ रुपए का प्रावधान करना होगा लेकिन सरकार के इस फैसले से किसानों को बड़ा फायदा होगा।
केन्द्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि सरकारी बैंकों, निजी बैंकों, छोटे वित्तीय बैंकों , क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, सहकारी बैंकों और कम्प्यूटराइज्ड पीएसीएस को वित्तीय वर्ष 2022- 23 से 2024- 25 के लिए सरकार की ओर से मदद की जाएगी। इससे किसानों को ऋण लेने में सुविधा होगी।
किसानों को बैंक से कम से कम ब्याज देना पड़े, यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार इण्टरेस्ट सबवेंशन स्कीम (आईएसएस) लाई थी जिसका नाम बदल कर मोडिफाइड इण्टरेस्ट सबवेंशन स्कीम कर दिया गया। यह योजना किसानों की थोड़ी दिक्कतों को तो दूर अवश्य करेगी लेकिन इससे उनकी आय में कितनी वृद्धि होगी, यह भविष्य के गर्भ में है। जिस तरह कृषि के लागत मूल्य बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए सरकार को कृषि लागत कम करने के उपायों पर गौर करना होगा तभी उनकी आय दो गुनी हो सकती है।