नई दिल्ली। चेन्नई-मैसूर शताब्दी एक्सप्रेस दक्षिण रेलवे की पहली आईएमएस (इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट सिस्टम) प्रमाणित ट्रेन बन गई है। भारतीय रेलवे ने बताया कि इस शताब्दी ट्रेन को यह उपलब्धि, इसकी विश्वस्तरीय सुविधाओं और यात्रियों की सुरक्षित व आरामदायक यात्रा सुनिश्चित कराने की खूबियों के चलते मिली है। रेलवे की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि यह भारतीय रेलवे की पहली शताब्दी ट्रेन और दूसरी मेल/एक्सप्रेस ट्रेन है, जो आईएमएस प्रमाणित है। इस ट्रेन की मुख्य देखभाल का जिम्मा चेन्नई डिवीजन के बेसिन ब्रिज कोचिंग डिपार्टमेंट के पास है। एक विस्तृत ऑडिट के बाद ट्रेन को प्रमाणित किया गया है। दक्षिण रेलवे के महानिदेशक जॉन थॉमस ने ट्रेन की सेवाओं का मुआयना किया था और बेसिन ब्रिज डिपो के अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम को सम्मानित किया। उन्होंने कोच डिपो अधिकारी को आईएमएस प्रमाणन भी प्रस्तुत किया। चेन्नई-मैसूर-चेन्नई शताब्दी एक्स्प्रेस ट्रेन साल 1994 में रेलवे की सेवा में आई थी।