महाराष्ट्र। केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह महाराष्ट्र में ताकतवर शुगर लॉबी को साधने में जुट गए हैं। उन्होंने दिल्ली में राज्य की सहकारी चीनी मिलों को संजीवनी देने के लिए महाराष्ट्र के भाजपा नेताओं के साथ बैठक की और संदेश दिया कि उनके साथ भेदभाव नहीं होने दिया जाएगा। इससे शुगर लॉबी से संबंधित उन नेताओं के चेहरे खिल उठे हैं, जिन्होंने साल 2019 के ऐन चुनाव से पहले कांग्रेस-एनसीपी से नाता तोड़ दिया था और भाजपा में शामिल हो गए थे। महाराष्ट्र की शुगर लॉबी कांग्रेस और एनसीपी के राजनीतिक रसूख का हिस्सा रही है। राज्य में सरकार चाहे कांग्रेस-एनसीपी की हो या भाजपा-शिवसेना की। शुगर लॉबी से जुड़े नेताओं का दबदबा हमेशा कायम रहा है। वर्तमान में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में बनी महा विकास आघाड़ी सरकार में भी यही स्थिति है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राज्य की महा विकास आघाड़ी सरकार में शामिल 42 मंत्रियों में से 16 मंत्री शुगर लॉबी से जुड़े हैं। लेकिन ठाकरे सरकार में सहकारी चीनी मिलों से संबंधित वह दिग्गज हाशिये पर चले गए हैं, जो भाजपाई हो चुके हैं। अब केंद्रीय मंत्री अमित शाह के साथ बैठक के बाद अब उनमें भी निराशा के भंवर से निकलने की आस जगी है।