स्वास्थ्य। कोलेस्ट्रॉल खून में पाया जाने वाला एक मोम जैसा पदार्थ होता है। हमारे शरीर को स्वस्थ कोशिकाओं के निर्माण के लिए कोलेस्ट्रॉल की जरूरत होती है। कोलेस्ट्रॉल का स्तर सामान्य से ज्यादा हो जाए, तो यह हार्ट डिजीज के जोखिम को बढ़ा सकता है। कोलेस्ट्रॉल की मात्रा ज्यादा होने पर यह खून की धमनियों में जमा होने लगता है। जब यह जमाव बढ़ने लगता है, तो धमनियों में ब्लड फ्लो में रुकावट आने लगती है। कई बार यह जमाव अचानक टूट जाता और धमनियों में एक थक्का बना देता है। इससे खून की सप्लाई रुक जाती है और हार्ट अटैक व स्ट्रोक आ जाता है।
हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या को नेचुरल तरीकों से कंट्रोल किया जा सकता है। जब यह अत्यधिक हो जाए, तब डॉक्टर की सलाह पर दवाओं का सहारा भी लिया जा सकता है। कई बार आनुवांशिक कारणों की वजह से भी हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या हो सकती है। मायोक्लीनिक की रिपोर्ट के मुताबिक किसी व्यक्ति की पहली कोलेस्ट्रॉल जांच 9 और 11 वर्ष की आयु के बीच होनी चाहिए और उसके बाद हर पांच साल में करानी चाहिए। 45 से 65 वर्ष के पुरुषों और 55 से 65 वर्ष की महिलाओं के लिए हर एक-दो साल में कोलेस्ट्रॉल की जांच करानी चाहिए। 65 से अधिक लोगों को सालाना कोलेस्ट्रॉल टेस्ट करवाना चाहिए।
अनहेल्दी डाइट:-
नॉन-वेज, फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट्स, स्नैक्स, और जंक फूड ज्यादा खाने से बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है। गलत खान-पान कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की प्रमुख वजह है। ऐसे में अपनी डाइट को संतुलित रखना चाहिए और फल व सब्जियों का खूब सेवन करना चाहिए।
फिजिकल एक्टिविटी की कमी:-
आज के जमाने में बड़ी संख्या में लोग बिना फिजिकल एक्टिविटी वाली लाइफस्टाइल फॉलो करते हैं, जिससे कोलेस्ट्रॉल समेत तमाम बीमारियां होने का खतरा रहता है। इससे बचने के लिए रोज कम से कम 30 मिनट तक एक्सरसाइज जरूर करें।
स्मोकिंग की लत:-
सिगरेट, बीड़ी और हुक्का पीने वालों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है। आपको जानकर हैरानी होगी कि स्मोकिंग करने से आपके शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम हो जाती है और बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है। स्मोकिंग छोड़ने से आप इसे कंट्रोल कर सकते हैं।
शराब का सेवन:-
बहुत अधिक शराब पीने से आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ सकता है। शराब पीने से शरीर के कई अंग बुरी तरह प्रभावित होते हैं और लंबे समय तक एल्कोहाल के सेवन से कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।