कीव। रुस और यूक्रेन की लड़ाई ने जन-धन का भारी नुकसान किया है, जिसका आंकलन कर पाना भी अब संभव नहीं लग पा रहा है। यूकेन में बरबादी के जो नजारें दिखाई दे रहे है, वह रुह तक हिला दे रही है।
हर तरफ मिसाइल के धुएं, अध गिरे और टूटे-फूटे भवन और चारों और लाशें ही लाशें। हर आयु वर्ग के लोगों के इधर उधर बिखरें शव देख कर रुह तक कांप जा रही है। यूक्रेन के अधिकारियों के अनुसार राजधानी कीव में 900 से अधिक नागरिकों के शव पाए गए हैं, जो रूस के नरसंहार को दिखा रहा है।
पुलिस के अनुसार कोई भी मिसाइल हमले में नहीं मरा है, अधिकांश को गोली मारी गई है। उत्तरपूर्वी शहर खारकीव में, एक आवासीय क्षेत्र की गोलाबारी में सात महीने के बच्चे समेत सात लोगों की मौत हो गई और 34 घायल हो गए हैं।
उन्होंने पुलिस के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 95 प्रतिशत लोगों की मौत बंदूक की गोली से हुई है। उन्होंने कहा कि हर दिन मलबे के नीचे और सामूहिक कब्रों में अधिक शव मिल रहे हैं, जिसमें सबसे अधिक संख्या में बूचा में 350 से अधिक पाए गए हैं।
दूसरी ओर रूसी सेना ने पूर्वी यूक्रेन में नए सिरे से हमले की तैयारी कर ही है और दक्षिणी बंदरगाह शहर मारियुपोल में भी लड़ाई तेज कर दी है, जहां स्थानीय लोगों ने रूसी सैनिकों पर शवों को छुपाकर दफनाने का आरोप लगाया है।
इधर गुरुवार को रूस ने काला सागर बेड़े के अपने युद्धपोत को खो दिया है और उसका आरोप है कि इसपर यूक्रेन ने ही हमला किया है। वहीं रूस ने यूक्रेन पर उसकी सीमा से लगे रूसी शहर ब्रांस्क में हवाई हमलों के साथ लगभग 100 आवासीय भवनों को नुकसान पहुंचाने का भी आरोप लगाया है।
इसके बाद से रूस ने अपने हमले तेज करने की धमकी दी है। यूक्रेन के राष्ट्रपति ब्लादिमीर जेलेंस्की ने एक वीडियो जारी कर रूसी सैनिकों पर दक्षिण में खेरसॉन और जापोरिज्जिया क्षेत्रों के कुछ हिस्सों से यूक्रेन पर कब्जा करने की कोशिश का आरोप लगाया।
कहा कि कब्जे करने वालों को लगता है कि इससे उनके लिए इस क्षेत्र को नियंत्रित करना आसान हो जाएगा। लेकिन वे बहुत गलत हैं। रूस की समस्या यह है कि इसे पूरे यूक्रेनी लोगों द्वारा स्वीकार नहीं किया जाता है और न कभी स्वीकार किया जाएगा।