नई दिल्ली। सरकार ने खर्च घटाने और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए हजारों की संख्या में छपने वाली मोटी-मोटी बजट प्रतियों की छपाई करीब-करीब कम कर दी है। अधिकारियों ने कहा कि इस बार भी एशिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी दस्तावेज मुख्य रूप से डिजिटल स्वरूप में ही रहने वाला है। अगले सप्ताह पेश होने वाले आम बजट की न्यूनतम कापी की ही छपाई हो रही है और इसे डिजिटल रूप में ही उपलब्ध कराने की तैयारी है। पीएम मोदी की सरकार से पहले तक बजट की छपाई वित्त मंत्रालय के लिए सबसे बड़े सालाना आयोजनों में एक रही है।
बजट छपाई से जुड़े कर्मचारियों को इसकी गोपनीयता बरकरार रखने के लिए वित्त मंत्रालय के नार्थ ब्लाक स्थित कार्यालय के बेसमेंट में छपाई के काम में लगाया जाता था। उसके बाद बजट छपने से लेकर लोकसभा में पेश किए जाने तक दो सप्ताह से भी अधिक समय के लिए ये कर्मचारी अपने परिवार से भी पूरी तरह कटे रहते थे। दरसल में पिछले वर्ष सिर्फ सांसदों सहित चुनिंदा लोगों के लिए बजट प्रतियों की छपाई हुई। पिछले वर्ष ऐसा पहली बार हुआ कि बजट भाषण में केंद्र सरकार के आय व व्यय, फाइनेंस बिल और टैक्स संबंधित दस्तावेज नहीं छापे गए थे।