नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में मंगलवार का दिन भी हंगामेदार रहा। यहां भाजपा विधायकों ने कुछ चर्चा की मांग की जिसे लेकर विधानसभा अध्यक्ष ने पहले वित्त मंत्री के भाषण पूरा हो जाने की बात कही। इस पर बीजेपी विधायक नहीं माने तो उन्हें मार्शल से बाहर करा दिया गया।
विधानसभा की कार्रवाही शुरू होते ही बीजेपी विधायकों ने बजट पेश करने की स्वीकृति नहीं होने का मुद्दा उठाते हुए इस पर चर्चा कराने की मांग की। इस संबंध में बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता ने विधानसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र के तहत चर्चा कराने की भी मांग की। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने उनकी सुनवाई नहीं की और उन्होंने पहले वित्त मंत्री का भाषण होने की बात की, उसके बाद उनके पत्र पर निर्देश देने का आश्वासन दिया।
लेकिन बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता अपनी बात पर अड़े रहे। उनके सीट पर नहीं बैठने के कारण विधानसभा अध्यक्ष ने उनको मार्शल आउट करा दिया। यह देख बीजेपी के ओम प्रकाश शर्मा आदि सदस्य भी आरोप लगाने लगे कि दिल्ली सरकार बजट पेश नहीं करने देने के मामले में गुमराह कर रही है, जबकि दिल्ली सरकार ने बजट पेश करने की औपचारिकताएं पूरी नहीं की और वह इस बात पर चर्चा कराने की मांग करने लगे।
विधानसभा अध्यक्ष ने उनकी बात मानने से इनकार कर दिया, जिसके विरोध में बीजेपी विधायकों ने सदन का वॉकआउट कर दिया। इससे पहले विजेंद्र गुप्ता और विधानसभा अध्यक्ष के बीच काफी देर तक बहस हुई। इस दौरान विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि वे तानाशाही कर रहे हैं। तभी विधानसभा अध्यक्ष ने कहा हां वह तानाशाही कर रहे हैं। भाजपा दिल्ली के लोगों के साथ तानाशाही करते हुए अन्याय कर रही है इसलिए वह भी तानाशाही कर रहे हैं।
उनके बाद भाजपा के अन्य विधायकों के साथ बहस के दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने भाजपा विधायकों के अन्याय करने के आरोप पर बोलते हुए कहा कि, वह अन्याय कर रहे हैं, क्योंकि दिल्ली सरकार के साथ अन्याय हो रहा है तो वह भी विपक्ष के साथ अन्याय कर रहे हैं।
भाजपा विधायकों के सदन से बाहर जाने के बाद वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने बजट पेश करने की स्वीकृति के संबंध में पूरा विवरण सदन के समक्ष रखा उनके बयान के बाद आप के सदस्यों ने सदन में हंगामा करना शुरू कर दिया। आप के विधायकों ने बजट पेश करने की केंद्र सरकार से अनुमति न मिलने के विरोध में हंगामा किया। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष को भी नहीं बोलने दिया। उनके बोलने के दौरान आप विधायकों ने हंगामा किया उनके शांत न होने पर विधानसभा अध्यक्ष ने 2:00 बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित की।