नई दिल्ली। गांवों के विकास में सड़कों की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण होती है लेकिन अधिकांश गांव की सड़कें निगरानी की कमी और भ्रष्टाचार के चलते बहुत जल्दी ही दुर्दशा को प्राप्त हो जाती हैं। बरसात के दिनों में इनकी स्थिति बद से बदतर हो जाती है। सम्पर्क मुख्य मार्गों से कट जाता है। ऐसे में केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह का ग्रामीण सड़कों को नेशनल हाइवे की सड़कों की तरह बनाने का संकल्प गांव के विकास का मजबूत आधार बन सकता है।
वर्तमान समय में देश की कुल सड़कों का लगभग 70 प्रतिशत भाग ग्रामीण सड़कों का है। ये सड़कें भारत के गांवों को एक-दूसरे से और नगरों से जोड़ने का काम करती हैं। देश की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सड़कों का निर्माण जरूरी है। ग्रामीण सड़कों के निर्माण में आधुनिक टेक्नोलाजी एवं नये इनोवेशंस पर आयोजित अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा है कि आधुनिक टेक्नोलाजी से तैयार सड़कों की गुणवत्ता किसी मायने में राष्ट्रीय मार्गों से कमजोर नहीं होनी चाहिए, इसलिए इन सड़कों के निर्माण में राज्यों को निगरानी और पारदर्शिता बढ़ानी होगी और उसकी गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देना चाहिए, यह जरूरी भी है, क्योंकि बिना निगरानी के सड़कों की गुणवत्ता प्रभावित होती है।
गांवों में जल निकासी भी एक बड़ी समस्या है जिसके कारण सड़कों की दशा बहुत जल्दी ही खराब हो जाती है इसलिए सड़क निर्माण के साथ जलनिकासी की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जानी चाहिए। सड़कें ही ग्रामीण क्षेत्रों की जीवन रेखा होती है। ऐसे में राज्यों का दायित्व बढ़ जाता है कि वह ग्रामीण क्षेत्रों में बनने वाली सड़कों के लिए मजबूत निगरानी तंत्र विकसित करें जिससे सड़कों की गुणवत्ता प्रभावित न हो। उच्च गुणवत्तापूर्ण सड़कें बनने से ग्रामीण क्षेत्रों में भी रोजगार का सृजन होगा और गांव खुशहाल बनेगा।