नई दिल्ली। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कुशल रणनीति और सुरक्षा बलों का आतंकियों पर जिस तरह से कहर बरपाया जा रहा है उससे पड़ोसी देश पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। इसके साथ ही कई आतंकी संगठन भी अपनी दहशत की दुकान बंद होने की आशंका से तिलमिला गए हैं। कश्मीर की बदलती तस्वीर और तेजी से पटरी पर लौटते शान्तिपूर्ण माहौल को फिर से अशान्त करने के लिए रोजाना एक नई नई साजिश रच रहे हैं। घुसपैठ की लगातार कोशिश और चिह्नित हत्या (टारगेट किलिंग) जो इसी साजिश का हिस्सा थी, अब दम तोड़ती नजर आ रही है।
अपनी नापाक हरकतों की विफलता से हताश आतंकियों ने ट्रेंड बदल दिया है। अब वह केवल कश्मीर को ही नहीं, बल्कि पूरे देश को अस्थिर करने का षड्यंत्र बना रहे है। बिहार की राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ से देश में हिंसा और नफरत फैलाने की बड़ी साजिश का खुलासा आतंकियों की गुप्त मंशा के खतरनाक इरादे को दर्शाती है। इस मामले में पटना पुलिस ने शुक्रवार को फुलवारी शरीफ से स्लीपर सेल के रूप में रह रहे एक और संदिग्ध आतंकी मरगूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर को गिरफ्तार किया है ।
इसके पूर्व तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस जांच में इन आरोपियों के जम्मू- कश्मीर के साथ ही पाकिस्तान से भी कनेक्शन सामने आया है। मरगूब के बारे में अब तक जो जानकारी मिली है वह न सिर्फ चौंकाने वाली है, बल्कि बहुत ही खतरनाक है। वह ह्वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से पाकिस्तान, बंगलादेश और अन्य इस्लामिक देशों से नेटवर्क चला रहा था। पापुलर फ्रंट आफ इण्डिया (पीएफआई) से जुड़े तीन संदिग्धों की गिरफ्तारी के बाद चौथी गिरफ्तारी से जांच एजेंसियों में हड़कम्प है, क्योंकि जांच में यह बात सामने आई है कि वर्ष 2023 में बड़ी घटना को अंजाम देने की साजिश थी।
एटीएस के साथ मिलकर पुलिस इस साजिश का पर्दाफाश करने में जुटी है। मरगूब के जब्त मोबाइल से पाकिस्तान के संदिग्ध फैजान से जुड़े तार के पुख्ता साक्ष्य मिले हैं। इसके गजवा-ए-हिन्द नाम से बनाए गए दो ह्वाट्सएप ग्रुप से मैसेज के माध्यम से देश में हिंसा और नफरत की साजिश रची जा रही थी। इस साजिश का जाल पूरे देश में फैला है जिसे तार-तार किया जाना जरूरी है।
राज्य सरकारों के साथ जनता को भी सतर्क रहने की जरूरत है। समाज के सभी वर्गों की यह जिम्मेदारी बनती है कि अपने आस-पास की संदिग्ध गतिविधियों पर निगरानी रखें तभी सिरफिरों की नापाक साजिश को नाकाम किया जा सकता है। देश की बाह्य रक्षा हो या आंतरिक सभी को अपने दायित्व के प्रति सजग होना ही पड़ेगा।