J&K: जम्मू काश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की. उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ित परिवारों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की. इस दौरान उपराज्यपाल ने डीसी और एसएसपी को उन मामलों को फिर से खोलने का निर्देश दिया, जिन्हें जानबूझकर दबा दिया गया था और एफआईआर दर्ज की और यह सुनिश्चित किया कि निकटतम रिश्तेदारों को प्राथमिकता के आधार पर नौकरी दी जाए.
आतंकवाद पीड़ितों के लिए टोल-फ्री नंबर जारी
उपराज्यपाल ने कहा कि आतंकवाद पीड़ित परिवारों की चिंताओं को दूर करने के लिए एलजी सचिवालय में एक विशेष प्रकोष्ठ स्थापित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि आतंकवाद पीड़ित परिवारों की सहायता के लिए एक टोल-फ्री नंबर भी अधिसूचित किया जाना चाहिए. उपराज्यपाल ने कहा, “आतंकवाद पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी और कई दशकों से खुले घूम रहे अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा.”
आतंकवाद पीड़ितों को तत्काल दी जाए सहायता
बैठक में एलजी मनोज सिन्हा ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि आतंकवाद पीड़ित परिवारों की संपत्ति और आतंकवादियों या उनके समर्थकों द्वारा हड़पी गई जमीन को मुक्त कराने के लिए तत्काल उपाय किया जाए. उन्होंने निर्देश दिया कि आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र से उन तत्वों की पहचान करें जो आम कश्मीरियों की हत्या में शामिल थे और वर्तमान में सरकारी विभागों में काम कर रहे हैं. उपराज्यपाल ने अधिकारियों से कहा कि मुद्रा और हैंडहोल्डिंग के तहत आतंकवाद पीड़ित परिवार के सदस्यों को वित्तीय सहायता दी जानी चाहिए जो अपना स्वरोजगार उद्यम शुरू करना चाहते हैं.
बैठक में ये लोग रहे उपस्थित
बैठक में मुख्य सचिव अटल डुल्लू, जल शक्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव शालीन काबरा, डीजीपी नलिन प्रभात, विशेष महानिदेशक (समन्वय) पीएचक्यू एसजेएम गिलानी, प्रमुख सचिव गृह चंद्राकर भारती, प्रमुख सचिव वित्त संतोष डी वैद्य; एडीजीपी सीआईडी नीतीश कुमार, उपराज्यपाल के प्रधान सचिव और एसएएसबी के सीईओ डॉ मंदीप के भंडारी मौजूद रहे. इसके अलावा इस अवसर पर जम्मू के संभागीय आयुक्त रमेश कुमार, जेएंडके बैंक के एमडी एवं सीईओ अमिताभ चटर्जी, डीआईजी, उपायुक्त, एसएसपी तथा पुलिस एवं नागरिक प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
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