ध्रुव-NG हेलिकॉप्टर ने भरी पहली सफल उड़ान, मेडिकल इमरजेंसी, पर्यटन और आपदाओं में होगा इस्तेमाल

Dhruv NG: भारत के एयरोस्पेस हब बेंगलुरु के आसमान में मंगलवार को एक ऐतिहासिक पल देखने को मिला. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड यानी कि HAL के नेक्स्ट जेनरेशन हेलिकॉप्टर ‘ध्रुव-NG’ ने अपनी पहली सफल उड़ान पूरी की. इस मौके पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के. राम मोहन नायडू भी मौजूद थे. उन्होंने ध्रुव-NG की पहली उड़ान को देश की स्वदेशी विमानन क्षमताओं और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया.

पिछले 2 दशकों से अपना कमाल दिखा रहा है ध्रुव हेलिकॉप्टर

बता दें कि पिछले 2 दशकों से ध्रुव हेलिकॉप्टर भारतीय सैन्य बलों के रोटरक्राफ्ट बेड़े की रीढ़ की हड्डी रहा है. इसने सियाचिन की बर्फीली ऊंची चोटियों से लेकर तटीय सीमाओं की नमी वाली मुश्किल चुनौतियों तक हर जगह सफलतापूर्वक काम किया है. लेकिन ध्रुव-NG इस परिवार की पूरी तरह नई कड़ी है, जिसे खास तौर पर नागरिक प्रमाणन की सख्त जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है.

क्या है ध्रुव-NG की खासियत

बात करें ध्रुव-NG की खासियत की तो ध्रुव-NG, पुराने ध्रुव हेलिकॉप्टर का अपग्रेडेड वर्जन है, जिसमें कई अहम तकनीकी सुधार किए गए हैं.

  • एडवांस्ड ग्लास कॉकपिट, जिससे पायलट को बेहतर कंट्रोल और जानकारी मिलेगी.
  • वाइब्रेशन कम करने की नई तकनीक, उड़ान ज्यादा स्मूद होगी.
  • क्रैशवर्दी स्ट्रक्चर और सीटें, हादसे की स्थिति में सुरक्षा बेहतर.
  • सेल्फ-सीलिंग फ्यूल टैंक, जिससे आग लगने का खतरा कम होगा.

इन बदलावों का मकसद उन सुरक्षा चिंताओं को दूर करना है, जिनकी वजह से बीते सालों में ध्रुव हेलिकॉप्टरों से जुड़े कुछ हादसों के बाद नौसेना के बेड़े को ग्राउंड करना पड़ा था.

ध्रुव-NG के मुख्य उपयोग
  • दुर्गम इलाकों में मरीजों को तुरंत अस्पताल पहुंचाना.
  • समुद्र में तेल-गैस प्लेटफॉर्म्स तक कर्मचारियों और सामान की ढुलाई.
  • बाढ़, भूकंप या प्राकृतिक आपदा में राहत कार्य.
  • छोटे शहरों और गांवों को हवाई संपर्क देना.
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अहम कदम

ध्रुव-NG की पहली उड़ान ऐसे समय में हो रही है, जब भारत अपनी एयरोस्पेस और रक्षा क्षमताओं को लगातार मजबूत कर रहा है. नागरिक जरूरतों के लिए स्वदेशी हेलिकॉप्टर का यह एडवांस संस्करण आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है.

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