भक्त प्रवर श्री पीपा प्रताप जी का प्रताप संपूर्ण जगत के लिए है हितकारी: दिव्य मोरारी बापू

पुष्कर/राजस्थान। परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, भक्त प्रवर श्री पीपा प्रताप जी का प्रताप संपूर्ण जगत के लिए घृत के समान शक्तिप्रद और हितकारी है। आपके मन में संसार की वासनायें कदापि न थीं। मायामय जग में आपका निवास नहीं था। आप दिव्य जगत के जीव थे। आपके दिव्य प्रभाव की सुगंध से आज भी जगत सुवाषित है। पहले आप भवानी देवी के भक्त थे। मुक्ति मांगने के लिए आपने देवी का ध्यान किया, देवी ने प्रत्यक्ष दर्शन देकर सत्य बात कही, कि मुक्ति देने की शक्ति मुझमें नहीं है, वह शक्ति तो भगवान में है। उनकी शरण में जाना ही सुदृढ़ साधन है। यही वेद, शास्त्र और संतो ने बताया है। देवी जी के उपदेशानुसार जगतगुरु आचार्य प्रवर श्री रामानंदाचार्य भगवान के चरण कमलों का आश्रय पाकर श्री पीपा जी भक्ति की अंतिम सीमा हुए। गुरु कृपा एवं अतिभक्ति के प्रभाव से आपमें असंख्य-अमूल्य सद्गुण थे उन्हें संतो ने अपने कंठ का हार बना रखा है अर्थात् सदा गाते रहते हैं। एवं असंख्य अमूल्य संतों के गुण गणों को आप अपने कंठ में धारण किए थे। भक्त, भक्ति, भगवंत और गुरुदेव की आपने ऐसी आराधना की कि उसका स्पर्श करके अर्थात् देख-सुन और समझ करके संपूर्ण वैष्णवों की आराधना प्रणाली अत्यंत सरस हो गई। आपने अपने प्रभाव से संपूर्ण संसार का कल्याण किया, इसका प्रमाण यह है कि सूँघकर मानव को मारनोख- नेवले, परम-हिंसक सिंह को उपदेश दिया। अपना शिष्य बनाया और उसे अहिंसक विनीत बनाकर उसका कल्याण किया। सभी हरि भक्तों के लिए पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना। श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कालोनी, दानघाटी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश)श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)

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