Varanasi News: इस साल का सावन दो महीने का होगा। इसलिए इस बार सावन में आठ सोमवार पड़ रहे है। सावन में बाबा विश्वनाथ के दर्शन को लेकर काशी विश्वनाथ धाम परिसर में पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन और मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा की अध्यक्षता में बैठक हुई। जिसमें निर्णय लिया गया कि सावन में सोमवार को काशी विश्वनाथ मंदिर में मंगला आरती के टिकट ही मिलेंगे। सुगम दर्शन पर पूरी तरह से रोक रहेगी। इसके टिकट भी नहीं मिलेंगे। इस बार सावन में दो करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। अधिमास के चलते 59 दिन चलने वाले सावन मास में काशी आने वाले वीआईपी व्यक्तियों को भी दोपहर तीन से पांच बजे तक दर्शन की सुविधा दी जाएगी। इसलिए प्रशासन संभावित वीआईपी को पत्र लिखेगा और निर्धारित अवधि में ही दर्शन पूजन के लिए आमंत्रित करेगा।
इस बैठक में गोदौलिया से मैदागिन मार्ग को नो व्हीकल जोन बनाने का निर्णय लिया गया। बुजुर्ग, महिलाओं और दिव्यांगों को धाम तक पहुंचाने के लिए 10 ई रिक्शे लगाए जा रहे हैं। गोदौलिया, गिरिजाघर, दशाश्वमेध, चौक और मैदागिन पर पार्किंग की व्यवस्था होगी। सभी प्रवेश द्वार पर लाउडस्पीकर के जरिए भीड़ नियंत्रित की जाएगी। पिनाक भवन में बने कंट्रोल रूम से हर गतिविधि की निगरानी की जाएगी। श्रद्धालुओं की सहूलियत का ख्याल रखा जाएगा। सभी प्रवेश और निकास द्वार पर खोया-पाया का काउंटर बनेगा। इसके लिए लगातार सूचना प्रसारित की जाएगी। बैठक में जिलाधिकारी एस राजलिंगम, डीसीपी काशी आरएस गौतम, काशी विश्वनाथ मंदिर के एसडीएम शंभू शरण, सीआईएसएफ के अधिकारी सहित अन्य लोग मौजूद थे।
शिवभक्तों के लिए रेड कार्पेट
मंदिर तक पहुंचने के सभी मार्गों पर सुव्यवस्थित बैरिकेडिंग कराई जाएगी। इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि श्रद्धालुओं को चोट न लगे। श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए सभी प्रवेश द्वार से मंदिर तक रेड कार्पेट बिछाया जाएगा और उन पर पुष्पवर्षा भी की जाएगी।मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने बताया कि इस बार सावन मास में दो करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के धाम में आने का अनुमान है। धाम परिसर में हवा, पेयजल, छांव आदि की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जा रही है।
स्पर्श दर्शन पर रोक, बाबा देंगे झांकी दर्शन
दर्शन की बात करें तो सावन में काशीपुराधिपति के स्पर्श दर्शन पर पूरी तरह रोक रहेगी। श्रद्धालुओं को बाबा झांकी दर्शन देंगे और बाहर लगे पात्र से उनका अभिषेक किया जा सकेगा। पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित किया जाएगा कि वे मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं से मधुर व्यवहार करें।