Varanasi: योगी सरकार ने संचारी रोगों के नियंत्रण के तीसरे अभियान के लिए कमर कस ली है. वाराणसी में संचारी रोगों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग 10 विभागों के साथ समन्वय बनाकर प्रभावी कदम उठा रहा है. ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में एंटी लार्वा छिड़काव और फॉगिंग अभियान चलाया जा रहा है. व्यापक जांच अभियान के साथ अस्पतालों में बेड आरक्षित किए गए हैं. संचारी रोगों से बचाव, रोकथाम और उपचार के लिए भी जन जागरूक अभियान चलाया जा रहा है. जन संचारी रोगों के लिए अप्रैल और जुलाई में पहला और दूसरा अभियान चलाया गया था. अब तीसरे चरण की शुरुआत अक्टूबर से होने जा रही है.
नोडल विभाग बनाया गया
दिमागी बुखार एवं अन्य वेक्टर जनित और जल जनित रोगों से रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए चिकित्सा विभाग को अन्य 10 विभागों से समन्वय के लिए नोडल विभाग बनाया गया है. मुख्य चिकित्साधिकारी डा संदीप चौधरी ने बताया कि नगर निगम क्षेत्र में 6600 सफाई कर्मी,एंटी लार्वा स्प्रे के लिए 175 कर्मी,फॉगिंग के लिए 41 और 77 फॉगिंग मशीन हैं. ड्रेनेज सफाई के लिए 371 कर्मी और लार्विसाइड पंप 175 हैं. ग्राम पंचायतों में भी संचारी रोगों की रोकथाम के लिए 694 ग्राम पंचायतों में 1247 सफाई कर्मी,लार्विसाइड पंप 712,फॉगिंग मशीन काम का रही हैं. मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि संचारी रोगों के मरीजों के लिए प्रत्येक सीएचसी पर 5 बेड,पीएचसी पर 2 बेड, दीनदयाल अस्पताल में 100 बेड, सर सुंदर अस्पताल में 50 बेड,लाल बहादुर अस्पताल में 50 बेड आरक्षित रखे गए हैं.
39 लार्वा खोजी दस्ता भी सक्रिय
जिला मलेरिया अधिकारी शरत चंद्र पांडेय ने बताया कि रैपिड डियगोनस्टिक टेस्ट में दक्ष आशा और आंगनबड़ी वर्कर से बुख़ार की घर-घर निगरानी और जाँच कर रही हैं, सभी सीएचसी और पीएचसी पर रैपिड रिस्पांस टीम तैनात हैं. फीवर डेस्क बनाया गया है. डूडा की तरफ से 39 लार्वा खोजी दस्ता भी सक्रिय है जो घर घर जाकर उनके कूलर,पानी की टंकियों और एकत्रित पानी होने के स्थान की चेकिंग कर रहे हैं,जिसकी सूचना पर तत्काल कार्यवाई की जा रही है. शहरी क्षेत्र के 70 और ग्रामीण क्षेत्र के 62 हॉट स्पॉट पर फॉगिंग के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
संचारी रोगों को रोकने के लिए अन्य विभागों की जिम्मेदारी
नगर निगम की तरफ से साफ-सफाई,कचरा निस्तारण और जल भराव रोकने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है. पंचायतीराज ग्राम विकास विभाग को जनसम्पर्क और जनजागरण के साथ साफ़ सफाई और फॉगिंग समेत संचारी रोगो के रोकथाम के लिए सभी कार्य करने है. पशुपालन विभाग पशु बाड़ों की स्वच्छता, कचरा निस्तारण, सूकर पालन स्थल पर वेक्टर नियंत्रण एवं सिरो सर्विलांस की व्यवस्था करना कीटनाशक का छिड़काव आदि कई कार्यों की जिम्मेदारी है.
स्वस्थ विभाग के अलावा अन्य विभागों को सौंपी गई जिम्मेदारी
संचारी रोगों के रोक थाम और बचाव के लिए स्वस्थ विभाग के अलावा नगर विकास,पंचायती राज,ग्राम्य विकास पशुपालन विभाग,शिक्षा विभाग,दिव्यांग सशक्तिकरण,कृषि एवं सिंचाई जैस सभी विभागों को अपने विभाग संबंधित काम करने होंगे. आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के साथ ए.एन.एम.की भी भूमिका महत्वपूर्ण होगी. शिक्षा विभाग को भी अहम जिम्मेदारी दी गई है. जिसमें अभिभावकों को जागरूकता करना,पोस्टर,वाद-विवाद, प्रतियोगिता, दिमागी बुखार अन्य वेक्टर जनित व जल जनित रोगों से बचाव संबंधित प्रचार प्रसार करना है. कृषि एवं सिंचाई विभाग जमे हुए पानी में मच्छरों के प्रजनन को रोकने तथा सिंचाई विभाग के वैकल्पिक उपायों पर अपनी सलाह देना,मच्छररोधी पौधों को उगाया जाना,खेतों में कृंतक नियंत्रण के प्रभावी एवं प्रभावी और सुरक्षित उपाय बताना आदि जिम्मेदारी दी गई है.