Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि छः बातें- प्रत्येक साधक के जीवन में छः बातों का निर्णय होना बहुत जरूरी है.
1-संत, 2-कंत, 3-सूत्र, 4-मंत्र, 5-पंथ, 6-ग्रन्थ
संत:- प्रत्येक साधक के जीवन में संतों का आश्रय हो जो उसका मार्गदर्शन करें. संत, जिसके संग में शांति मिले. जिसका जीवन हमारे जीवन को आनंद से भर दे. संतों का हाथ हमारे सिर पर हो, हमें न चिंता करने की जरूरत, न निराश होने की.
ईष्ट देव:- इष्ट देवता- चाहे राम, शिव कृष्ण या दुर्गा कोई भी हो, सभी अवतार भारत मूल संस्कृति, मूल परम्परा है. नमन सबको. प्रणाम सब देवताओं को. आदर सभी के लिये. लेकिन आपका मालिक, आपका ठाकुर, आपका इष्ट देव निश्चित होना आवश्यक है. भक्ति व्यभिचारिणी नहीं होनी चाहिए.
एक भरोसा एक बल एक आस विश्वास ‘ का ठोस निर्णय होना चाहिए.
सूत्र:- साधक के जीवन में एक सूत्र होना चाहिए. सूत्र का अर्थ होता है धागा. बिना सूत्र के मोती चुगते ही खो जायेंगे. चाहे कितनी भी कीमती हो. गांधी जी का जीवन सूत्र- सत्य, बुद्ध का सूत्र करुणा और महावीर का सूत्र अहिंसा है. अपने स्वभाव के अनुसार किसी भी सूत्र को जीवन में अपना लें.
मंत्र:- प्रत्येक साधक के जीवन में एक मंत्र होना चाहिए. मंत्र सद्गुरु का दिया हुआ पकड़ना चाहिए. मंत्र में अचूक शक्ति है.
पंथ:- प्रत्येक साधक के जीवन में एक पंथ होना जरूरी है. वेद में ज्ञान मार्ग, उपासना मार्ग एवं कर्म मार्ग ये तीन मार्ग बताये हैं. तीनों ही सनातन पथ है. धर्म तो एक ही है सनातन धर्म, भक्त द्वारा अपनाया हुआ पंथ अपनाएं.
ग्रंथ:- साधक के जीवन में रामायण, गीता, भागवत या उपनिषद् जैसा कोई भी वांगमय ग्रंथ होना चाहिए. जिसका आप रोज पूजन उपासना स्वाध्याय और पाठ करें. वह ग्रंथ पुस्तक के रूप में नहीं आपके मस्तक के रूप में हो. इन सबमें भाव व श्रद्धा होने पर जीवन की यात्रा धन्य हो जाती है.
‘ एक भरोसो एक बल एक आस विश्वास का ठोस निर्णय होना चाहिए. सभी हरि भक्तों को पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धनधाम आश्रम से साधु संतों की शुभ मंगल कामना, श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कॉलोनी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, दानघाटी, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवा ट्रस्ट, गनाहेड़ा, पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान).